शिखिल ब्यौहार, भोपाल। आज से भोजपाल महोत्सव मेला की शुरुआत हो गई है। इसका लुत्फ उठाने के लिए सीएम डॉ मोहन यादव भेल दशहरा मैदान पहुंचे। इस दौरान भोपाल का नाम बदलकर ‘भोजपाल’ करने की मांग उठी। मेला समिति के अध्यक्ष सुनील यादव ने मुख्यमंत्री से मांग की कि राजधानी भोपाल का नाम भोजपाल किया जाए।

उन्होंने आगे कहा, “हम पिछले 9 साल से इस मेले का आयोजन कर रहे हैं। सनातन संस्कृति को नष्ट करने की मंशा से मुगल शासकों ने भोजपाल का नाम बदलकर भोपाल रख दिया था। आचार्य रामभद्राचार्य ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय यह कहा था कि जब तक भोपाल का नाम भोजपाल नहीं होगा, वह यहां कथा नहीं करेंगे। भोजपाल का नाम भोपाल कर दिया जाए, पूरी समिति की यह मांग है।”

कार्यक्रम के दौरान भजन गायिका शहनाज अख्तर ने सीएम डॉ. मोहन यादव से मंच से रायसेन में बंद शिव मंदिर को खुलवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कई साल से, कई लोगों ने, कई बार प्रयास किया। लेकिन अब आपसे उम्मीद है। मैंने सनातन को अपनाया है, गुरु दीक्षा ली है।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने भजन गायिका शहनाज अख्तर का स्वागत करते हुए कहा, “आपकी सनातन के प्रति आस्था देखते हुए भोपाल के तालाब की गहराई कम है। आपके ऐसे आनंद से जिसे तकलीफ हो तो होने दीजिए। जिसको जो दिक्कत है होने दीजिए। हम किसी को दिक्कत नहीं करते। हम किसी को गलत भाव से नहीं बोलते। लेकिन व्यवस्था के लिए हम किसी प्रकार का कंप्रोमाइज नहीं करते। भगवान राम मुस्कुरा रहे हैं। अब राम के बाद जमुना जी का कृष्ण कन्हैया बुला रहा है। कहां राजा भोज कहां गंगू तेली..यह कहावत नहीं। राजा भोज ने दो युद्ध लड़े थे, तब कहावत बनी। 

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