नई दिल्ली. नकली नोटों का प्रचलन बहुत बढ़ गया है. भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में नकली नोटों की संख्या काफी बढ़ गई है. केंद्रीय बैंक के मुताबिक, 500 रुपए के नकली नोटों में साल 2020-2021 में 101.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि 2000 रुपए के जाली नोट में 54.16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

नकली नोटों की बढ़ती संख्या परेशान करने वाली है. भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि 31 मार्च 2022 तक बैंक में जमा हुए 500 और 2000 रुपए के नोट में 87.1% नकली नोट थे. वहीं 31 मार्च 2021 तक यह आंकड़ा 85.7% था. भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि यह 31 मार्च 2022 तक चलन में मौजूद नोटों का कुल 21.3% था. वहीं, अगर अन्य नोटों की बात करें तो पिछले वर्ष की तुलना में, 10 रुपए के नकली नोट 16.4% और 20 रुपए के नोट 16.5% बढ़े हैं. साथ ही इसके अलावा 200 रुपए के नकली नोटों में 11.7% की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं अच्छी बात यह है कि पिछले साल के आंकड़ों को देखते हुए इस वित्त वर्ष में 50 रुपए के नकली नोट 28.7% और 100 रुपए के नकली नोट 16.7% कम हुए हैं.

इसे भी पढ़ें – ‘BJP कार्यकर्ताओं का आना मना है’ इस थाने में लगा पोस्टर, जानें पूरा मामला

बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात आठ बजे टीवी पर आकर 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था. नोटबंदी के इस फैसले के बाद देश में 500 रुपए और 2000 रुपए का नया नोट चलन में आ गया है. नोटबंदी के बाद भी नकली नोटों का बाजार जारी मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट को चलन से पूरी तरह से गायब कर दिया था. इसके बाद 500 का नोट नए फॉर्मेट में आया था. नोटबंदी के बाद ही 2000 का नोट अस्तित्व में आया था. नोटबंदी की वजह सरकार ने नकली नोटों पर नकेल कसना बताया था.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक