सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. महाविद्यालयों के अतिथि व्याख्याता अपनी 3 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. तूता धरना स्थल में राज्य स्तरीय प्रदर्शन जारी है. जहां अतिथि व्याख्याताओं ने मुंडन करवाकर अनोखे तरीके विरोध जताया.

बता दें कि, अतिथि व्याख्याताओं का कहना है कि, हमारी जॉब सुरक्षित नहीं है. हमें कब बाहर निकाल दिया जाए इसका कोई पता नहीं होता है. मासिक वेतन-पूरे 12 माह का भुगतान किया जाए. काल खंड के हिसाब से भुगतान बर्दाश्त नहीं करेंगे. मध्य प्रदेश की तरह 50 हजार एक मुश्त वेतनमान करने की मांग की है. वहीं मांग पूरी न होने चुनाव में सत्ता परिवर्तन की चेतावनी दी गई.

ये हैं इनकी मांगें-

(01) जॉब- सुरक्षा जॉब सुरक्षा के लिए कोई नीति-निर्धारण नहीं होने से सिर्फ 5 से बेरोजगार कर दिया जाता है, जबकि महाविद्यालयों में पूरे वर्ष कार्य की कोई कमी नहीं होती हमारी मांग है कि, हमें 65 वर्ष या रिटायरमेंट की आयु तक जॉब सुरक्षा प्रदान करने कृपा करें.

(02) मासिक वेतन- वर्तमान में कालखण्ड आधारित मानदेय व्यवस्था की वजह से सत्र प्रतीक्षा करनी पड़ती है कभी अगस्त कभी सितंबर, कभी अक्टूबर कभी नवम्बर, कभी दिसंबर में नियुक्ति दी जाती है एवं कालखण्ड व्यवस्था के कारण महाविद्यालयों के प्राचार्य अतिथि व्याख्याताओं के जून-जुलाई में प्रारंभ होने के बाद भी नियुक्ति के लिए महीनों साथ मनमानी, भेदभावपूर्ण व्यवहार और पद का दुरुपयोग करते हुए किसी को 2 कालखण्ड, किसी को 3 कालखण्ड और किसी को 4 कालखण्ड का मानदेय भुगतान करते है कालखण्ड मानदेय व्यवस्था से हमारे भविष्य के साथ-साथ महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले लाखों विद्यार्थियों के भविष्य से भी खिलवाड़ किया जा रहा है क्योंकि विद्यार्थियों को 12 माह शिक्षक की आवश्यकता होती है इसलिए हमारी मांग है कि कालखण्ड आधारित मानदेय व्यवस्था को समाप्त कर मासिक वेतन के साथ 12 माह पूर्णकालिक सेवा प्रदान करने कृपा करें.

(03) प्रभावित (छटनी) किए गए अतिथि व्याख्याताओं की व्यवस्था- सहायक प्राध्यापक के स्थानांतरण / पदोन्नति / नवीन नियुक्ति से सुरक्षा प्रदान करने कृपा करें. अतः आपसे निवेदन है कि दिनांक 28.09.2023 को रायपुर स्थित धरना स्थल ग्राम तूता में पहुंचकर हमारी समस्याओं को को मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने की कृपा करें, ताकि हमारी समस्या और आवाज शासन-प्रशासन तक पहुंच सके.

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