शब्बीर अहमद, भोपाल। एमपी में ओबीसी आरक्षण पर सियासत तेज हो गई है। ओबीसी महासभा के प्रदर्शन को अन्य संगठनों के साथ ही अब कांग्रेस का भी साथ मिल गया है। पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल भी ओबीसी महासभा के प्रदर्शन में शामिल हुए। वहीं बीजेपी ने आरक्षण के लिए स्टैण्डिंग कमेटी बनाने की बात कही है।
पुलिस के साथ झड़प
अपनी मांगों को लेकर सीएम हाउस का घेराव करने निकले ओबीसी महासभा के कार्यकर्ता को पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक लिया। रोकने पर आंदोलन में शामिल हुए पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल की पुलिस जवानों से तीखी बहस हुई। सीएम हाउस जाने की जिद में अड़ कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प और धक्का मुक्की भी हुई। पुलिस ने कई आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किये गए लोगों को ले जा रहे पुलिस वाहनों के सामने कार्यकर्ता लेट गए।
जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण मिले- कांग्रेस
ओबीसी महासभा के आंदोलन पर कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार ओबीसी आरक्षण को खत्म करना चाहती है। मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ओबीसी विरोधी है। हर वर्ग को अपनी जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए। ओबीसी समाज के नाम पर बीजेपी सिर्फ सियासत करती है। हक मांगने पर सरकार पुलिस को आगे करती है।
सरकार दोषी- पटवारी
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने ओबीसी महासभा के आंदोलन के लिए शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार ने नहीं चाहती कि ओबीसी समाज को आरक्षण मिले। इसमें शिवराज सरकार दोषी है। सरकार को न्याय करना चाहिए, नहीं तो 2022 में जनता न्याय करेगी।
हाईकोर्ट में सरकार रखेगी पक्ष
उधर इससे पहले नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ओबीसी महासभा से आंदोलन वापस लेने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि
बीजेपी ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के समर्थन में है। सरकार द्वारा गंभीरता के साथ कोर्ट में बात रखी गयी है। मध्यप्रदेश में ओबीसी की आबादी 50 % से ज़्यादा है इसलिए 27 % आरक्षण मिलना चाहिए। एडवोकेट जनरल की तरफ से कहा कोरोना काल में डॉक्टर्स की भर्ती करना है इसलिए 27 % छूट दी जाए। हाइकोर्ट ने कहा 14 प्रतिशत ही आरक्षण देंगे, जो मेरिट बनाई जाएगी उसमें 27 % आरक्षण देंगे। 13 % नियुक्ति को डिक्लेयर नहीं करेंगे। 10 अगस्त को हाइकोर्ट में सुनवाई है। सरकार की तरफ से उच्च न्यायालय में पक्ष रखा जाएगा कि 27 % आरक्षण मिले।
मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने मामले में कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि 27% आरक्षण मिले, सिर्फ राजनीतिक पैंतरा है, कांग्रेस ओबीसी के खिलाफ़ रही है। ओबीसी को सरकार ने संवैधानिक दर्जा देने का फैसला लिया है, कांग्रेस ने नहीं किया। आरक्षण को लेकर स्टैंडिंग कमेटी बनाई जा रही है, आने वाले समय मे हाई कोर्ट में पक्ष रखा जाएगा।
ये है मांगें
ओबीसी महासभा का कहना है कि नीट की परीक्षा में ओबीसी आरक्षण को खत्म कर दिया गया, एनआरएचएम की भर्ती मे ओबीसी आरक्षण के दौरान अनियमितताएं सामने आई है, सरकारी परीक्षाओं में ओबीसी समाज को आरक्षण के नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए । मध्यप्रदेश में 55 फ़ीसदी से ज्यादा ओबीसी समाज की संख्या है। ओबीसी महासभा के कार्यकर्ता 27 फ़ीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं।