एनके भटेले,भिंड। चंबल आईजी एडीजी राजेश चावला ने भिंड के गोहद चौराहा थाना में पदस्थ टीआई कुशल सिंह भदोरिया को 5 वर्ष के लिए उपनिरीक्षक के पद पर डिमोशन कर दिया है. वहीं मोरेना के बागचीनी थाना में पदस्थ एएसआई होतम सिंह को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. दरअसल 3 साल पहले कैलारस थाने में पदस्थ निरीक्षक कुशल सिंह भदोरिया और एएसआई होतम सिंह के सामने नाबालिग बच्ची की फांसी से मौत का मामला सामने आया था.

जिसकी जांच कैलारस थाने में पदस्थ तत्कालीन एएसआई गौतम सिंह ने की. जिसमें उन्होंने मृतका के परिजनों के दिए गए बलात्कार के बाद हत्या के बयानों और नाबालिग के बैग से निकले 4 पन्नों के सुसाइड नोट के बाद भी 304 का प्रतिवेदन तैयार किया था. जिस पर परिजनों ने थाना प्रभारी कुशल सिंह भदौरिया और उपनिरीक्षक होतम सिंह पर सही कार्रवाई नहीं करने विभागीय शिकायत की थी. जिस जिस पर दोनों की विभागीय जांच शुरू हुई और जांच का जिम्मा दतिया पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौर को दिया गया. जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद कर्तव्य में प्रति लापरवाही पाए जाने पर दतिया एसपी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर डिमोशन और बर्खास्तगी कार्रवाई की गई है.

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यह है पूरा मामला

साल 2019 में जनवरी माह में कैलारस थाना क्षेत्र में 14 वर्षीय नाबालिग बच्ची की मौत फांसी लगने से हो गई थी. जिस पर मर्ग कायम कर एएसआई होतम सिंह ने जांच शुरू की थी. जांच के दौरान बच्ची के बैग से हस्तलिखित 4 पेज का पत्र मिला था. बच्ची के पिता और नाना ने पुलिस को बताया था कि बच्ची से बलात्कार के बाद हत्या कर फांसी पर लटकाया गया है. एएसआई ने मर्ग जांच कर प्रतिवेदन तैयार किया, तो पीएम रिपोर्ट में फांसी से मौत की पुष्टि, पिता और नाना बयानों के बावजूद धारा 306, 376 का मामला पंजीबद्ध नहीं किया गया. पूरी जांच प्रतिवेदन में तथ्यों की अनदेखी करते हुए धारा 304 प्रतिवेदन तैयार किया गया. इस पूरे मामले की शिकायत नाबालिग मृतिका के पिता ने वरिष्ठ अधिकारियों से की.

जांच के दौरान बरती गई लापरवाही

इस मामले की जांच दतिया पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौर को सौंपी गई. जिस पर विभागीय जांच के दौरान पाया गया कि नाबालिग के फांसी पर लटकने, नाना, पिता के कथनों में बलात्कार कर उसे मारकर फांसी में लटकाने के आरोप और हस्तलिखित 4 पन्नों के सुसाइड नोट में आए तथ्यों के बाद भी धारा 304 ए का प्रतिवेदन तैयार किया गया. पुलिस कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही की गई है. नाबालिग बच्ची संबंधी गंभीर अपराध को गंभीर संवेदनशील मानते हुए पुलिस अधीक्षक दतिया ने जांच कर जांच प्रतिवेदन को एडीजे चावला के समक्ष प्रस्तुत किया. जिस पर कार्रवाई करते हुए आईजी एडीजी राजेश रावला ने भिंड के गोहद चौराहा में पदस्थ निरीक्षक कुशल सिंह भदोरिया को पांच वर्ष के लिए उपनिरीक्षक के पद पर डिमोशन किया है. वहीं बागचीनी थाने में पदस्थ एएसआई होतम सिंह को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया है.

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जांच के दौरान बयानों में एक दूसरे के सिर फोड़ा आरोपों का ठीकरा

जांच के दौरान एएसआई होतम सिंह ने दतिया एसपी अमन सिंह राठौड़ को बयान दिया था कि उन्होंने प्रतिवेदन टीआई कुशल सिंह के लिखित आदेश पर तैयार किया है. इस संबंध में किसी प्रकार का लिखित आदेश जांच के दौरान प्रस्तुत नहीं कर पाए. कुशल सिंह भदोरिया ने अपने बयानों में बताया कि जांच प्रतिवेदन उनके संज्ञान में आए बिना एएसआई होतम सिंह ने तैयार किया था. दतिया एसपी ने जांच के दौरान टीआई कुशल सिंह भदौरिया और एएसआई होतम सिंह पर लगे आरोप सत्य प्रमाणित पाए. जिसके बाद जांच रिपोर्ट सबमिट करने के बाद चंबल अंचल में बड़ी विभागीय कार्रवाई सामने आई है.

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टीआई को थाने से हटाया, विवादों से रहा है नाता

इस कारवाई की जानकारी लगते ही भिंड पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने 2 दिन पूर्व गोहद चौराहा थाना प्रभारी के पद पर तैनात कुशल सिंह भदोरिया को हटा दिया था. पांच वर्ष पहले शहर कोतवाली भिंड में तैनात टीआई कुशल सिंह भदोरिया का एक वीडियो वायरल हुआ था. टीआई भिंड मेले में डांस स्टेज पर बार बालाओं के साथ “सनम रे” गाने पर जमकर रुपए लुटाते हुए दिख रहे थे. वीडियो वायरल होने के बाद शहर कोतवाली थाने से हटाकर उनको लाइन अटैच कर दिया गया था.

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