देवरिया. रुद्रपुर क्षेत्र के गांव फतेहपुर में हुए हत्याकांड ने जहां योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को सरकार के नाकामी का परिणाम बताया है. अगर समय रहते भूमि विवाद के मामले का निस्तारण कर दिया गया होता तो आज इतने बेगुनाहों की जान नहीं गई होती. जमीनी विवाद से उपजे विवाद ने इतना हिंसक रूप ले लिया की प्रेमचंद यादव की बेरहमी से जान ले ली. प्रेमचन की निर्ममता पूर्वक हत्या ने ग्रामीणों को आक्रोशित करने पर विवश और मजबूर कर दिया.

सबसे बड़ा सवाल आखिर प्रेमचंद की निर्ममता पूर्वक बेरहमी से हत्या किसने की. हत्या का आरोप दुबे परिवार पर लगा और आक्रोशित भीड़ भी इतनी हिंसक हो गई कि वह दुबे परिवार को भी बेरहमी से मार डाला. जब घटना की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को हुई तो प्रशासन के हाथ-पांव फुल गए. पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया. उच्च अधिकारियों ने भी घटनास्थल का दौरा किया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश भी दिया. लगातार प्रशासन आरोपियों की गिरफ्तारी कर रहा है. वहीं प्रशासनिक दबाव में प्रेमचंद यादव के घर की पैमाईश करने के लिए पूरे इलाके को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया हैं. किसी को वहा जानें नहीं दिया जा रहा है.

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वहीं एक पक्ष कहना है कि प्रेमचंद यादव की बेरहमी से हत्या की गई और उनका मकान भी गिराने की कवायद चल रही है. जिससे साफ तौर से पता चलता है कि कहीं न कहीं सत्ता का दुरपयोग किया जा रहा और एकतरफा कार्रवाई की जा रही है. इनका आरोप लगाते हुए कुशीनगर के पूर्व सांसद बालेश्वर यादव के नेतृत्व में सोमवार को पिड़ित परिवार से मिलने जाते समय प्रशासनिक अधिकारियों के रोकने और पुलिस की घेराबंदी तोड़ते हुए सपा नेता पिड़ित परिवार के घर तक उनसे मिलने मोटरसाइकिल से पकडंडी रास्ते से पहुंच गए. पूर्व सांसद बालेश्वर यादव सहित सपा नेताओं को फतेहपुर गांव प्रेमचंद्र यादव के घर की पैमाईश देखने जाते समय रास्ते में जब इमिलिया/बैरिया चौराहे पर रोक दिया गया था. लेकिन किसी तरह से वे प्रेमचंद यादव के घर पंहुच उनके परिजनों व वकील से मिलकर तहसील प्रशासन द्वारा की जा रही पैमाईश का हाल जाना वही पूर्व सांसद बालेश्वर यादव के साथ पूर्व एमएलसी राम अवध यादव, कोआपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन रामप्यारे यादव, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डा. दिलीप यादव, चंद्रभूषण सिंह यादव, डा. शुभम यादव ये सभी नेता प्रेमचंद यादव के पिड़ित परिजनों से मिले.

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पूर्व सांसद बालेश्वर यादव ने प्रेमचंद यादव की पत्नी प्रेमशीला यादव को नकद आर्थिक मदद करते हुए कहा कि भविष्य में भी जिस तरह के मदद की जरूरत होगी की जाएगी. वहीं पीड़ित परिवार के वकील ने बताया कि पैमाईश के दौरान फतेहपुर का कोई भी स्थाई डिमार्क (पत्थर) नहीं मिलने व खेतों में धान की फसलों के खड़े रहने के बाद ठाकुरदेवा के पत्थर से नापी की गई. इस पत्थर से नापी के बाद दो जरीब छोड़कर जबरिया एक जाति विशेष के लेखपालों की टीम, कानूनगो, तहसीलदार, एसडीएम आदि ने प्रेमचंद यादव के मकान पर पूरब से 40 कड़ी पर रेड चिन्ह लगा दिया गया है. पूरी पैमाईश नियम विरुद्ध की गई है.

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संपूर्ण घटनाक्रम को जानने के बाद पूर्व सांसद बालेश्वर यादव ने कहा कि यदि पीड़ित परिवार के साथ अन्याय हुआ तो समाजवादी पार्टी बैठक कर इसके प्रतिकार के लिए जेल भरो आंदोलन करने को बाध्य होगी. जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी. जिस तरह प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और जमीनी विवाद के मामले नें देवरिया हत्याकांड का जन्म दिया और उसने गांव का सुख चैन छीन लिया हत्या कांड की भीड़ में शामिल निर्दोष ग्रामीणों में प्रशासनिक अधिकारियों के कार्रवाई का भय सता रहा और निर्दोष ग्रामीण कार्रवाई के भय के साएं में रहने पर मजबूर हैं. अब देखना यह है कि कब तक गांव में अमन-चैन और शांति लौट कर आती है. यह आनेवाला समय ही बताएगा.

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