पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद. छत्तीसगढ़ ओडिशा सीमा पर बुरजाबहाल के किसानों की जमीन विवाद का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा हैं. ओडिशा के नूवापडा के सिनापाली तहसीलदार ने छग के सीमा के अंदर अपनी विभागीत बोर्ड लगवा दिया और उसमें लिखा है कि इस ओर प्रवेश करना दंडनीय अपराध है. जिसके बाद छग के एसडीएम का कहना है कि राजस्व सहिता में निजी जमीन के मामले में ऐसा उद्घोषणा का कोई प्रावधान नहीं है. सीमांकन की कार्रवाई भी एक पक्षीय किया गया है.
दरअसल जून महीने में मैनपुर तहसील के बुरजाबहाल हल्के के 7 किसानों के कृषि जमीन पर, ओडिशा के सिनापाली तहसील प्रशासन द्वारा झंडे गाड़कर कब्जा करने का सीमा विवाद सामने आया था. देवभोग एसडीएम निर्भय साहू के अगुवाई में 4 दौरे पर नूवापडा जिला प्रशासन से बात चीत का दौर चला था. मौके पर ओडिशा के इसी जिले कलेक्टर पूमा पोडू, कमिश्नर अपंगा राव भी मौके पर पहुंचे थे, तब समझौता हुआ था कि जब तक सयुक्त कमेटी की मौजूदगी में सीमांकन नहीं हो जाता तब सीमा पूर्वरत रहने पर आपसी सहमति बनी थी, लेकिन सिनापाली तहसीलदार द्वारा विवादित सीमा पर एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए, छग राजस्व के बुरजाबहाल खसरा न. 261 पर एवं बनूवापारा के सीमा के भीतर दो बोर्ड लगाया गया है. जिसमे उड़िया भाषा में लिख कर कहा गया है कि इस सीमा के भीतर प्रवेश करना दंडनीय अपराध होगा. 24 फरवरी को लगाए गए इस धमकी भरे बोर्ड की जानकारी शुक्रवार को देवभोग एसडीएम को दी गई है.
एसडीएम निर्भय साहू ने बताया कि नियमत यह कार्यवाही गलत है. बोर्ड में उल्लेखित चेतावनी भी मानव अधिकार के उल्लंघन के दायरे में आता है. इसकी जानकारी कलेक्टर को दिया गया है. आधिकारिक स्तर पर समाधान किया जा रहा है.
जून माह में ओडिशा प्रशासन ने जिस सीमा पर झंडा गाड़ा था, उसमें 7 किसानों के 22 एकड़ जमीन प्रभावित हुए थे. जब नाप हुई तो सीमा केवल 4 एकड़ के विवाद पर सिमट गया. खसरा नम्बर 261 का उल्लेख छतीसगढ़ के सीमा ओर स्पष्ट दिख रहा बावजूद इसके खसरा नम्बर पर ओडिशा का नियम विरुद्ध दावा, फिर नियम को ताक में रख कर लगाई गई उद्घोषणा बोर्ड अब विवाद का विषय बना हुआ है. मामले में सिनापाली तहसीलदार नीलाम्बर सोना ने अब कुछ नियम कायदे से करने की बात कही है. उनके मुताबिक जून में हुई माप में यह सीमा स्पष्ट हो गया था. इसलिए बोर्ड लगाया गया है जिसमें सब कुछ नियमत लिखा गया है.