उत्तर प्रदेश में सत्ता और संगठन के बीच की लड़ाई अब किसी से छुपी नहीं है. लिहाजा इसकी चर्चा यूपी भाजपा इकाई से लेकर दिल्ली दरबार तक है. लोकसभा चुनाव में हार जीत का ठीकरा फोड़ने को लेकर शुरू हुआ ये पूरा वाकया सत्ता और संगठन के कद तक पहुंच गया. यूपी के सियासी गलियारों में ये इस पर चर्चा होने लगी की सत्ता बड़ी या संगठन. इस चर्चा के सूत्रधार बने प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य.
मौर्य ने प्रदेश इकाई की एक बैठक में इसकी आवाज उठाई और शोर दिल्ली में बैठे आकाओं तक पहुंच गया. हालांकि कुछ दिनों से कद की ये चर्चा अंदरखाने में ही हो रही है. जिससे पार्टी में ये बात अब पुरानी हो गई है. लेकिन पिछले दिनों केशव प्रसाद मौर्य की पीएम मोदी से हुई मुलाकात ने चर्चा के बाजार को गर्म कर दिया है.
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बीते 11 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. इस दौरान उनके और पीएम के बीच प्रदेश में लोकसभा में भाजपा के खराब प्रदर्शन पर भी बात हुई है. उन्होंने प्रदेश में पार्टी की मौजूदा स्थिति की बात भी बताई है.
लगातार मिल रहे नेता
बताया जा रहा है कि इससे पहले यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी पीएम से मिल चुके हैं. उन्होंने भी भाजपा के खराब प्रदर्शन को लेकर जानकारी दी. संसद सत्र के दौरान यूपी से ताल्लुक रखने वाले बीजेपी और सहयोगी दल के कई नेताओं ने पीएम से मुलाकात कर उन्हें यूपी में पार्टी की जमीनी स्थिति से अवगत कराया.
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