लखनऊ. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा पीसीएस (PCS) 2024 प्रारंभिक और आरओ-एआरओ (RO-ARO) 2024 की परीक्षा एक ही दिन कराने की मांग प्रतियोगी कर रहे थे. इसे लेकर यूपीपीएससी के बाहर प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं और पुलिस के बीच झुमाझटकी हुई, लाठीचार्ज भी हुआ. इस घटना के बाद इस पर सियासत शुरू हो गई है. अखिलेश यादव के सरकरा पर हमले के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है.
उन्होंने X पर पोस्ट किया है कि ‘यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को छात्रों के मुद्दों पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है. उन्हें अपने शासनकाल में हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार को याद रखना चाहिए. पुलिस अधिकारी संयमित व्यवहार करें और छात्रों पर बल प्रयोग न हो. प्रतियोगी छात्रों से अनुरोध है कि वे अपनी समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से उठाएं और सपा की राजनीति का शिकार न बनें. आपकी न्याय की लड़ाई में सरकार और मैं सदैव आपके साथ हूं. 2012 से 2017 तक सपा सरकार में क्या-क्या हुआ था यह पूरा प्रदेश जानता है’.
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बता दें कि अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि युवा विरोधी भाजपा का छात्राओं और छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय कृत्य है. हम युवाओं के साथ हैं! हम फिर दोहराते हैं- नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं. युवा कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
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