रायपुर. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा घटना को लेकर प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है. सरकार और विपक्ष में बयानबाजी का दौर जारी है. इसी कड़ी में आज शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बलौदाबाजार में कांग्रेस की जांच टीम के जाने को लेकर कड़ी प्रतीक्रिया दी है. उन्होंने कहा, कि कांग्रेस बलौदाबाजार जैसी घटना पर भी राजनीति कर रही है. यह बेहद शर्मनाक है. जबकि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए पहले कलेक्टर-एसपी को हटाया गया, फिर दोनों को सस्पेंड किया गया. मामले में कई एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही कई उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है.

उपमुख्यमंत्री ने बलौदाबाजार हिंसा घटना को लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, धरना स्थल में कई कांग्रेस नेता उपस्थित थे. इन नेताओं का वहां क्या काम था? दरअसल, कांग्रेस नेताओं ने लोगों को भड़काने का काम किया है.

डिप्टी सीएम साव ने कहा कि, सत्ता जाने के बाद कांग्रेस नेताओं में भारी बौखलाहट है. ये लोग अपनी राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं, इसे जनता जान चुकी है. वहीं सरकार पूरी तरह से सजग है, छत्तीसगढ़ में किसी भी कीमत पर अराजकता और हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. असामाजिक तत्वों पर कठोरता से कार्रवाई की जाएगी.

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि, सरकार ने बलौदाबाजार घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित की है. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीबी बाजपेयी की एकल सदस्यीय टीम घटना की जांच करेगी और 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. सरकार छत्तीसगढ़ की शांति और कानून व्यवस्था के लिए पूरी तरह से सजग है.