कुंदन कुमार/पटना। बिहार के डिप्टी CM विजय सिन्हा के जनता दरबार के अंदाज़ को लेकर बिहार राजस्व सेवा संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कड़ा विरोध जताया है। संघ ने आरोप लगाया है कि सुनवाई के नाम पर अधिकारियों को सार्वजनिक मंच से डांटा-फटकारा जा रहा है, गाली-गलौज और बदतमीजी की जा रही है। पत्र में कहा गया कि खड़े-खड़े सस्पेंड कर दूंगा जनता के सामने जवाब दो तुरंत फैसला करो जैसे बयान न तो प्रशासनिक मर्यादा के अनुरूप है और न ही लोकतांत्रिक परंपरा के अनुकूल।

लोकप्रियता के लिए ऑन-द-स्पॉट फैसले

संघ का कहना है कि मंत्री का यह तरीका संविधान कानून और न्यायिक व्यवस्था की भावना को कमजोर करता है। सार्वजनिक रूप से अधिकारियों को कठघरे में खड़ा करने से यह संदेश जाता है कि पूरा राजस्व प्रशासन दोषी है जबकि भूमि विवादों की जड़ें दशकों पुरानी और संरचनात्मक है। वर्तमान अधिकारियों को ही विफलता का कारण बताना न तो न्यायसंगत है और न ही ईमानदार दृष्टिकोण।

भीड़तंत्र की ओर संकेत

पत्र में कहा गया है कि जन अदालत और फील्ड ट्रायल जैसी शैली लोकतांत्रिक प्रशासन नही बल्कि भीड़तंत्र का आभास कराती है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सम्मान और गरिमा की रक्षा नही हुई तो वे सामूहिक अवकाश जैसे कदम उठा सकते है जिसका असर पूरे राजस्व तंत्र पर पड़ेगा।

डिप्टी CM की प्रतिक्रिया

विजय सिन्हा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जो लोग सुधार से घबराए हुए है वही आपत्ति जता रहे है। गलत काम करने वालों पर हर हाल में कार्रवाई होगी चाहे वे किसी भी पद पर हो। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि उन्हे किसी नाराजगी या पत्र की जानकारी नही है। अराजकता स्वीकार नही की जाएगी और वे दबाव में काम नहीं करते। जनता की सेवा जारी रहेगी। जमीनी विवाद कम करना सबकी जिम्मेदारी है। फर्जी दस्तावेज़ और 420 के मामलों पर कार्रवाई होगी किसी का अपमान नही किया जाता।