Deputy Mayor Sell Vegetables: बिहार के गया जिले में आज सोमवार 2 दिसंबर को एक हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिला. दरअसल गया नगर की डिप्टी मेयर चिंता देवी अचानक सड़क पर बैठकर सब्जी बेचने लगीं. डिप्टी मेयर को सब्जी बेचता देख हर कोई दंग और अंचभित हो गया. लोग यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि डिप्टी मेयर को सब्जी बेचना पड़ रहा है?

जनता ने चुनकर बनाया था डिप्टी मेयर

जब डिप्टी मेयर चिंता देवी से यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, निगम में जब अधिकारियों के जरिए इन्हें तरजीह नहीं मिली तो उन्होंने सब्जी मंडी में बैठकर सब्जी बेचनी शुरू कर दी. नगर निगम के अधिकारी हमें डिप्टी मेयर नहीं समझते हैं, यही कारण है कि जनता की सेवा छोड़कर वो सब्जी बेच रही हैं.

उन्होंने कहा कि, निगम कार्यालय में कोई सम्मान नहीं मिला है और न ही कोई काम होता है. कभी कभी ऐसा लगता है कि हम डिप्टी मेयर है हीं नहीं. 40 सालों से नगर निगम के सफाई कर्मी के रूप में काम कर सड़कों पर झाड़ू लगाकर सफाई का काम किया है. निगम कार्यालय में अधिकारियों के जरिए कोई सम्मान नहीं दिया जाता है. सफाई कर्मी का काम करते थे, जिसमें सफाईकर्मी का पेंशन मिलता है. उसी से परिवार का भरण पोषण होता है.

बैठक-विकास कार्यों की नहीं होती जानकारी

चिंता देवी ने कहा कि, अब तक उन्हें डिप्टी मेयर की कोई सुविधा नहीं मिल रही है. इलाज के लिए कर्ज लेकर परिवार का इलाज करवाया है. निगम की बैठक की न ही कोई जानकारी होती है और न ही कुछ विकास कार्यों की जानकारी दी जाती है. उन्होंने बताया कि, वह 1 महीना से सब्जी मंडी में सब्जी बेचने का काम कर रही हैं, लेकिन सोमवार को यह मामला सामने आया कि वह निगम के अधिकारियों से नाराज होकर सब्जी बेच रही हैं.

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नगर निगम में उपेक्षा की हुईं शिकार

बता दें कि ये वही डिप्टी मेयर चिंता देवी हैं जिन्हें, जनता ने चुनकर सफाईकर्मी से डिप्टी मेयर बनाया था. दरअसल गया में जब डिप्टी मेयर का पद अनुसूचित जाति के लिए हुआ, तो जनता चिंता देवी से कहने लगी कि आप इस पद के लिए खड़ी हो जाइए, सब लोग मिलकर आपको जिताएंगे. चिंता देवी चुनाव जीतकर डिप्टी मेयर बन गईं, लेकिन अब वे खुद नगर निगम में उपेक्षा का शिकार हो रही हैं.

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