नई दिल्ली. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए राम रहीम समेत 4 को उम्रकैद की सजा सुनाई है. गुरमीत को यह सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाई गई.

राम रहीम के अलावा 3 और लोगों को आईपीसी की धारा 302  यानी हत्या और 120 बी यानी आपराधिक साजिश के तहत दोषी ठहराया गया है. राम रहीम की सजा को देखते हुए पंचकुला समेत हरियाणा के उन तमाम शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है जहां डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव है. सिरसा में बुधवार को पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला. सिरसा में दो महिला पुलिसबल की कंपनी समेत कुल 12 कंपनियां बाहर से मंगवाई गई हैं. यहां सीआरपीएफ की 2 टुकड़ियां को भी अलर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा पंचकुला, फतेहाबाद में सुरक्षा सख्त है. बता दें कि राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है. 11 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में दोषी करार दिया था.

यह पूरा मामला 16 साल पुराना है. साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रामचंद्र छत्रपति लगातार अपने समाचार पत्र में डेरे में होने वाले अनर्थ से जुड़ी ख़बरों को छाप रहे थे. उनके परिवार ने इस संबंध में मामला दर्ज कराया था. उनकी याचिका पर कोर्ट ने इस हत्याकांड की जांच नवंबर 2003 को सीबीआई के हवाले कर दी थी. 2007 में सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था.