रायपुर। राजनीति में सुचिता जरूरी है. धर्म के नियंत्रण से राजनीति को सही दिशा मिलती है. यह बात गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने NEWS 24 मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के शो ‘देसी टॉक’ में सलाहकार संपादक संदीप अखिल के साथ चर्चा में कही.

राजनीति में सक्रिय महंत रामसुंदर दास कांग्रेस की टिकट पर दो बार से विधायक बन चुके हैं. सलाहकार संपादक संदीप अखिल के साथ धर्म और राजनीति पर हुई चर्चा में राम राज्य की परिभाषा बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति जहां पर है, वह अपने कर्तव्यों का पालन करते रहे तो निश्चित रूप से राम राज्य आ जाएगा. हनुमान जी की बात कहते हैं कि ‘राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम’ जब तक भगवान राम नाम कारण नहीं कर लेता, तब तक विश्राम नाम की कोई चीज ही नहीं है. मेरे शब्दकोश में विश्राम नाम का शब्द ही नहीं है. यह हनुमान की स्वामी भक्ति का परिणाम है.

महंत ने कहा कि यह बात त्रेता युग है, त्रेता युग के बाद द्वापर युग आया और अब कलयुग चल रहा है. आज आप गांव-गांव जाकर देखेंगे कि वहां श्री राम के मंदिर हो या न हो लेकिन भगवान हनुमान का मंदिर जरूर है. यह उनकी स्वामी भक्ति का परिणाम है. ‘राम काज कीन्हें बिनु’ को हमारे भारतवासी आत्मसात कर लें, तो आज के आज भारत सोने की चिड़िया बन जाएगा.

समाज में बढ़ती वैमनस्यता पर महंत रामसुंदर दास ने कहा कि गोस्वामी तुलसी दास ने श्रीरामचरित मानस में लिखा है कि ‘सियाराम मैं सब जग जानी, करुहू प्रणाम जोही जो पाणी’. इसका अर्थ है कि मेरी नजर जहां तक जा रही है, चाहे वह जड़ हो या चेतन, उसमें भगवान राम और माता सीता की ही झांकी दिख रही है, दूसरा कुछ नहीं. यह भाव गोस्वामी तुलसीदास के मन में हैं. यही भाव हम सबके मन में आ जाए और यही भाव हम सबके मन में डाल सके तो निश्चित रूप से दुराग्रह का, लड़ाई-झंझट का स्थान नहीं रह जाएगा.

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