मस्तूरी. एक ओर जहां स्वच्छता को लेकर पूरे देश में अभियान चल रहा है, वहीं दूसरी ओर मस्तूरी विकासखण्ड के बिनैका स्थित संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों का बुरा हाल है. इस समय प्रदेश में जहां डेंगू डायरिया का प्रकोप चल रहा है. वहीं आंगनबाड़ी केंद्र के चारों तरफ गंदगी और कचरा पसरा हुआ है. गंदगी के बीच नौनिहाल हर दिन यहां पढ़ने आते हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों को इसकी कोई परवाह नहीं है. गंदगी के बीच केंद्र के संचालन से बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. इसके बावजूद कोई भी अधिकारी सुध नहीं ले रहा है.

शासन-प्रशासन बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र का संचालित कर रही है. लेकिन मस्तूरी क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्र बिनैका के केंद्र में नौनिहालों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है. केन्द्र के चारों ओर गंदगी फैली हुई है. गंदगी के बीच रहकर नौनिहाल बैठने मजबूर हैं. कई बार यहां गंदगी की शिकायत सरपंच एवं अधिकारियों से की गई, लेकिन यहां व्यवस्था जस की तस बनी हुई है. इन दिनों हल्की बारिश होती है तो भी आंगनबाड़ी पहुंच मार्ग में घुटने तक पानी भर जाता हैं. मार्ग में चारों ओर कीचड़ फैल गई. पहुंच मार्ग में अधिक पानी भरने से नौनिहालों को केन्द्र में दूसरे मार्ग से जाने के लिए कोई रास्ता नहीं हैं.

आंगनबाड़ी केन्द्र ऐसी जगह बनाई गई है, जहां बैठकर नौनिहालों का जतन कर पाना मुश्किल है. अधिकांश दिन गंदगी के चलते यहां के नौनिहालों को दरवाजा बंद कर रखा जाता है, ताकि बच्चे गंदगी में जाकर न खेलें. इस आंगनबाड़ी केन्द्र का विभाग समेत अन्य अधिकारी कई बार निरीक्षण करने भी ज्यादा नहीं पहुचते हैं. वर्तमान में व्यवस्था दुरुत किए जाने अब तक कोई उचित पहल नहीं की गई है, जिसका खामियाजा नौनिहालों को भुगतना पड़ रहा है. उल्लेखनीय है कि इन दिनों डायरिया डेंगू का प्रकोप क्षेत्र में फैला हुआ था और अभी भी भय की स्थिति बनी हुई हैं. जिससे नौनिहालों की सेहत पर भी खतरा मंडरा रहा है. इस ओर न गांव के सरपंच और नहीं  महिला बाल विकास सुध ले रहे हैं.

कार्यकर्ता हीरामनी बंजारे का कहना है कि हमारा केंद्र सड़क से नीचे हैं और जब भी बारिस होती है तो यहां पर पानी भर जाता है. कई बार समस्याओं को बता चुकी हूं लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा हैं. पास में ही कूड़ा करकट भी रहता हैं तो बदबू भी आती हैं. मामले में मस्तूरी के परियोजना अधिकारी रवि शर्मा से भी आंगन बाड़ी केंद्र के संबंध में जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन वह फोन रिशिव ही नहीं किये.

सुपरवाईजर गरिमा डहरिया का कहना है गंदगी तो फैला हुआ है जब भी दौरा किया, तब गांव के सरपंच और अपने परियोजना अधिकारी रवि शर्मा को अवगत कराया गया. कार्यकर्ता भी कई बार बैठक में भी बोल चुके हैं. लेकिन अधिकारी सुनते नहीं हैं इस गन्दगी और पानी भरने के कारण बीमारियां भी फैल सकती हैं कोशिश करते हैं कि एक सप्ताह के अंदर व्यवस्था सुधार लेंगे.