Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्र शुरू होने के साथ ही महादेव की नगरी काशी का कण-कण महामाया जगत जननी की उपासना पर्व में लीन हो गया है। माता रानी के उत्सव का रंग काशीवासियों पर बिखरने लगा है। हर साल की तरह इस बार भी नवरात्र के खास मौके पर काशी धीरे-धीरे बंगाल की तरह अद्भुत छटा बिखेर रही है। इसी क्रम में शहर में स्थापित होने वाले पंडालों में माता की भव्य प्रतिमाओं को लाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बार शहर में कहीं शिव, कहीं राम मंदिर, कहीं काशी विश्वनाथ धाम तो कहीं केदारनाथ मॉडल पर भव्य पंडाल आकर्षण का केंद्र रहेंगे।

इको फ्रेंडली मूर्तियां

वाराणसी के लोगों को दुर्गा पूजा के पावन पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। मूर्तिकारों ने बताया कि इस बार हम लोग इको फ्रेंडली मूर्तियों को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। मां के अंगवस्त्र को स्थानीय कारीगरों की मदद से करीब एक क्विंटल पंचमेवा से बनाया जा रहा है। वहीं, माता की मूर्ति षष्ठी तिथि को पूजा पंडालो में पहुंचेंगी। माता की सप्तमी तिथि को प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसमें पंचमेवा से बनी मूर्ति, सफेद तिल से बनी मूर्ति, सुतली से बनी मूर्ति, पुआल से बनी मूर्ति इस बार आकर्षण का केंद्र होगा। बनाने में कमल गट्टा और रुद्राक्ष का इस्तेमाल किया गया है।

मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा

नवरात्रि की अष्टमी एवं नवमी के लिए शहर में कई जगहों पर पंडाल बनाने का काम अंतिम दौर में है। इसमें हथुआ मार्केट, अर्दली बाजार, शिवपुर, मच्छोदरी में पंडाल करीब-करीब बनकर तैयार है। कारीगर आदियोगी मंदिर का स्वरूप देने में दिन रात जुटे हैं। इस वर्ष पूजा पंडाल में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मां दुर्गा की प्रतिमा भगवान गणेश, कार्तिकेय, लक्ष्मी, सरस्वती गोद में विराजमान होंगी। दर्शनार्थियों को निकास मार्ग पर 12 फीट के हनुमान जी का दर्शन होगा।

ऐसे पंडालों का होगा दीदार

पूजा पंडाल को शहर के अलग-अलग हिस्सों में थीम आधारित तैयार किया जा रहा है। आदित्य एल-1 की झांकी तो कहीं चंद्रयान। राम मंदिर के भी कई पंडालों में दर्शन होंगे। यहां केदारनाथ कॉरिडोर को साकार किया जा रहा और 24 फीट की ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा प्रदेश की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। पंडाल में मां दुर्गा का महिषासुर मर्दिनी वाली मुद्रा में स्वचालित प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र होगा। इस साल माता रानी के भक्त इन्हीं खास पंडालों का दर्शन कर उनका आशिर्वाद प्राप्त करेंगे।