Dev Darshan: अहमदाबाद के निकोल में हनुमान लगभग 700 वर्षों से निवास कर रहे हैं, बताया जाता है इस गांव के बेसन से पहले भी यहां हनुमान जी विराजमान थे. वहां जब जंगल था, तब हनुमानजी की मूर्ति को एक गाड़ी में ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता तो वह गाड़ी टूट जाती थी और जब भी गाड़ियां बदली जाती थीं, हर गाड़ी टूट जाती. छह से सात गाड़ियां बदल दी गईं और वे सभी जब टूट गई तो तांत्रिकों ने मूर्ति को वहीं छोड़ दिया और उस समय के राजा ने एक मंदिर बनवाया और उस मंदिर का नाम गाड़ातोड़ हनुमान जी रखा. लोगों में हनुमानजी के प्रति अटूट आस्था है. इसलिए जब हनुमानजी का मंदिर बनाया गया तो गाड़ी तोड़ हनुमान जी नाम दिया गया.
Dev Darshan. गांव के इतिहास के विषय में कहा जाता है. ईसा पश्चात 1130-35 में निकोल गांव टावर बनाया गया था. नीका नाम के एक रबारी ने इस गांव को बसाया था, इसलिए नीका के नाम पर इस गांव का नाम निकोल रखा गया. करीब 700 से 800 साल पुराना गाड़ातोड़ हनुमानजी का पौराणिक मंदिर चूने और प्राकृतिक तत्वों से बना है, जिसके प्रमाण आज भी मौजूद हैं. गाड़ातोड़ हनुमानजी मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भीड़ उमड़ती है. प्रत्येक शनिवार को मंदिर में दादा को खीर प्रसादी का भोग लगाया जाता है और भक्तों को परोसा जाता है.
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