हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है. मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु सोते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन यानी चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि Dev Uthani Ekadashi के दिन से ही भगवान विष्णु पूरे सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं. देवउठनी एकादशी के दिन से ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो जातक देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखते हैं, उन्हें वैंकुठ की प्राप्ति होती है. साथ ही सभी पापों से मुक्ति भी मिलता है. लेकिन इसके लिए कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है. तो आइए जानते हैं देवउठनी एकादशी के दिन कौन से नियमों का पालन करना चाहिए. Read More – बैक लेस टॉप में नजर आईं Urfi Javed
इस दिन जरूर करें ये काम
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन जातक को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए. इसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
- संकल्प लेने के बाद जातक भगवान श्री नारायण को केसर और दूध से अभिषेक करना चाहिए इसके साथ ही उनकी आरती भी उतारनी चाहिए.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान श्री हरी को सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं साथ ही उनकी कृपा भी बनी रहती है. Read More – Tulsi Vivah 2023 : कब है तुलसी विवाह, जानें पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और तिथि …
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो जातक Dev Uthani Ekadashi के दिन निर्जला व्रत रखते हैं, उन्हें भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मंत्र और स्तोत्र का जाप करना जरूर करना चाहिए.
- देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए भजन और कीर्तन जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से श्री हरी के साथ सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं.
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