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देहरादून। नौ स्थानों पर 18 दिन तक चले राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के जरिए उत्तराखण्ड खेल परिदृश्य में प्रमुख शक्ति बनकर उभरा है। उत्तराखण्ड न सिर्फ पदक तालिका में अपनी रैंकिंग सुधारने में कामयाब रहा, बल्कि पूरे आयोजन को अनुशासित तरीके से सम्पन्न कराने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भी अपनी क्षमता का परिचय दिया है। उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों को हरी झंडी 9 अक्तूबर को मिल पाई।
कम समय में BJP सरकार ने किया कमाल
इस तरह 28 जनवरी से राष्ट्रीय खेल शुरू करने के लिए राज्य सरकार को महज साढ़े तीन महीने का ही समय मिल पाया। कम समय को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तुरंत ग्राउंड जीरो पर उतरे। राज्य के सामने दूसरी चुनौती यह थी कि इस बार खेल प्रतियोगिताएं नौ शहरों में आयोजित की जा रही थी। प्रतियोगिताओं में पिथौरागढ़, टिहरी जैसे पहाड़ी जिले भी शामिल थे, जहां सुविधाएं जुटाने से लेकर खेल आयोजन तक में कई तरह की चुनौतियां थी। राज्य सरकार ने खेल आयोजनों को कुशलतापूर्वक आयोजित कर खिलाड़ियों, कोच, अधिकारी और दर्शकों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी। इस बार सभी खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन उत्तराखण्ड राज्य के भीतर ही किया गया। जबकि पहले एक से अधिक राज्यों में खेल प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाता था।
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28 जनवरी 2025 से राष्ट्रीय खेलों का आगाज, देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मौजूदगी में हुआ। जबकि समापन आज 14 फरवरी को हल्द्वानी में गृह मंत्री अमित शाह जी की उपस्थिति में हुआ। इस तरह 18 दिन तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार राष्ट्रीय खेलों के विभिन्न आयोजन स्थलों पर पहुंचकर स्थितियों का जायजा लेते रहे। जिससे न सिर्फ खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ा, बल्कि आयोजन भी कुशलतापूर्वक संपन्न हुआ।
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