Maharashtra CM Devendra Fadnavis: ‘मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना। मैं समंदर हूं लौटकर वापस आऊंगा।’ देवेंद्र फडणवीस ने ये शब्द वर्ष 2019 में उद्धव ठाकरे के समर्थन वापस लेने और महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार गिरने के बाद कही थी। एक बार फिर वहीं समंदर महाराष्ट्र की राजनीति वापस लौटा है। जी हां…. देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर से महाराष्ट्र के नए सीएम होंगे। बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में इसपर मुहर लग गई। फडणवीस का राजनीतिक करियर उनके लिए अभी तक एक सुनहरे दौर की तरह रहा है, जिसमें उन्हें काफी उतार चढ़ाव देखने पड़े। वर्ष 2014 से 2019 तक सीएम रहने के बाद फडणवीस को 2019 में सत्ता गंवानी पड़ी थी। महायुति की सरकार बनी तो उप मुख्यमंत्री बनकर संतोष करना पड़ा। इसके बाद भी कभी हार नहीं मानी। अब वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पुनः प्राप्त कर चुके हैं। तो आइए जानते हैं पार्षद से अपने राजनीति जीवन की शुरुआत करने वाले देवेंद्र फडणवीस कैसे महाराष्ट्र की राजनीति के बॉस बनें।
फडणवीस का जन्म 22 जुलाई, 1970 को गंगाधरराव और सरिता फडणवीस के घर हुआ था। उन्होंने कानून में ग्रेजुएशन किया और 1998 में जर्मनी के डाहलम स्कूल ऑफ एजुकेशन से बिजनेस मैनेजमेंट और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में डिप्लोमा पूरा किया। 2006 में अमृता फडणवीस से शादी हुई और दोनों की एक बेटी है।
नागपुर विश्वविद्यालय से हासिल की LLB की डिग्री
22 जुलाई, 1970 को जन्मे देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नागपुर में प्राप्त की। बाद में उन्होंने वर्ष 1992 में नागपुर विश्वविद्यालय से लॉ (LLB) की डिग्री हासिल की। इसके अलावा उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की। बाद में देवेंद्र फडणवीस डीएसई बर्लिन से मेथड एंड टेक्निक्स ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में डिप्लोमा हासिल किया है।
आरएसएस से शुरू हुई राजनीतिक यात्रा
2019 में देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता बनाए गए। फडणवीस की राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से शुरू हुई, और 1990 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हुए। 1992 में नागपुर के राम नगर वार्ड से पहला नगर निगम चुनाव जीते और 22 वर्ष की उम्र में सबसे युवा पार्षद बने। उन्होंने 1999 से 2004 तक लगातार तीन बार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य के रूप में काम किया।
नागपुर नगर निगम के सबसे युवा मेयर बने
देवेंद्र फडणवीस का राजनीति में उदय भी बहुत तेजी से हुआ। साल 1992 में वे महज 22 साल की उम्र में नागपुर नगर निगम के सबसे युवा मेयर बने। इस उपलब्धि ने उन्हें महाराष्ट्र की राजनीति में घर-घर में मशहूर कर दिया। मन्होंने मेयर के रूप में लगातार दो कार्यकाल पूरे किए। साल 2013 में फडणवीस को महाराष्ट्र में बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह एक ऐसा पद था, जिसने उनके राजनीतिक प्रभाव को मजबूत किया। साल 2014 में 44 साल की उम्र में महाराष्ट्र के दूसरे यंगेस्ट सीएम बने। फडणवीस की राजनीतिक सूझबूझ का प्रदर्शन तब और भी बढ़ गया जब 2022 में उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया।
इंदिरा गांधी के नाम पर था स्कूल इसलिए छोड़ा
अपने नेतृत्व कौशल, व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाने वाले फडणवीस ने न केवल अपनी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भीतर, बल्कि राजनीतिक सीमाओं से परे भी नाम कमाया है। आपातकाल के दौरान उनके पिता की जेल की सजा ने उन पर गहरा प्रभाव छोड़ा। आपातकाल के दौरान, जब उनके पिता को सरकार का विरोध करने पर जेल में डाल दिया गया था, तो फडणवीस ने इंदिरा कॉन्वेंट में अपनी स्कूली शिक्षा जारी रखने से इनकार कर दिया और नागपुर के सरस्वती विद्यालय में दाखिला ले लिया। उन्होंने लॉ से ग्रेजुएशन किया इसके अलावा उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की।
पीएम और RSS के पसंदीदा
भाजपा में कई लोग इसका श्रेय फडणवीस की रणनीति को भी देते हैं। फडणवीस भाजपा के उन मुट्ठी भर नेताओं में से हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दोनों पसंद करते हैं। फडणवीस के हाथ में हमेशा एक इक्का था-आरएसएस। संघ की विचारधारा में गहराई से जुड़े परिवार में उनका जन्म हुआ। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ शुरू की। संगठन के साथ उनके पिता के मजबूत और अटूट जुड़ाव ने एक वफादार स्वयंसेवक के रूप में उनकी छवि को और मजबूत किया।
देवेंद्र फडणवीस की कुल संपत्ति
इलेक्शन कमीशन को दी गई जानकारी के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस की कुल नेटवर्थ 13.27 करोड़ रुपये है, जबकि उनके ऊपर 62 लाख रुपये की देनदारी भी है। माय नेता डॉट कॉम के मुताबिक साल 2023-24 के दौरान फडणवीस की कुल इनकम 79.3 लाख रुपये थी। चुनावी हलफनामे के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस और उनकी पत्नी के बैंक खाते में 5 लाख रुपये से ज्यादा जमा है। उन्होंने शेयर बाजार, बॉन्ड या डिबेंचर्स में कोई निवेश नहीं किया है। हालांकि उनकी पत्नी अमृता फडणवीस का लगभग 5.63 करोड़ रुपये का बॉन्ड, शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश है।
देवेंद्र फडणवीस के नाम 3 करोड़ का घर
देवेंद्र फडणवीस के NSS-Postal Saving अकाउंट में 17 लाख रुपये जमा हैं, जबकि उनके पास 3 लाख रुपये की एक एलआईसी पॉलिसी भी है। चल संपत्ति की बात करें तो देवेंद्र फडणवीस के पास करीब 450 ग्राम सोना और उनकी पत्नी के पास 900 ग्राम सोना है, जिसकी कीमत करीब 98 लाख रुपये के आस-पास बताई जा रही है। देवेंद्र फडणवीस के नाम पर 3 करोड़ और 47 लाख रुपये के दो घर हैं।
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