देहरादून। कोरोना काल में उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में होने जा रहे कुंभ को लेकर सरकार ने एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी किया है. एसओपी के मुताबिक, कुंभ में पंजीकरण और आने से 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच कराना होगा और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही श्रद्धालु आ सकेंगे. वहीं घाटों पर स्नान की व्यवस्था भी स्पष्ट की गई है. 20 मिनट के तुरंत बाद तीर्थयात्रियों की निकासी के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी रखने होंगे. ताकि तीर्थयात्रियों को अगला जत्था समय पर स्नान कर सके. कुंभ मेले के दौरान स्नान घाटों पर किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए मौके पर तैराक, गोताखोर तैनात रखने होंगे. इसके उल्लंघन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 महामारी रोग अधिनियम 1897 और आईपीसी की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही की जाएगी.

एसओपी में कहा गया है कि 65 साल से अधिक उम्र वालों, गर्भवती महिलाओं, दस वर्ष से छोटे बच्चों को स्नान, घाट क्षेत्र में प्रवेश को हतोत्साहित किया जाएगा. कुंभ मेले के दौरान पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन, गायन और भंडारे के आयोजन पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा.

बता दें कि हरिद्वार में कुंभ का आयोजन 27 फरवरी से प्रस्तावित है. इसे देखते हुए सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा जारी एसओपी के अनुसार सभी जगह प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी. दुकानों व वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में भी थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाएगी. कुंभ में आने वाले यात्रियों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है.

इन 10 सेक्टर्स में जारी हुआ एसओपी

इन सेक्टर में आश्रम-धर्मशाला, होटल-रेस्टोरेंट व गेस्ट हाउस, दुकान-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, धार्मिक स्थल, सार्वजनिक परिवहन, वाहन पार्किंग स्थल, हाल्टिंग प्वाइंट, घाट, रेलवे और बस स्टेशन शामिल हैं। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन के अनुसार कुंभ के लिए अंतरराज्यीय परिवहन, पंजीकरण आदि को लेकर जल्द ही एक और एसओपी जारी की जाएगी.