पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। पुरी जाते वक़्त ओडिशा के जिस जगह पर कथावाचक युवराज से दुर्व्यवहार हुआ था. आज गाजे-बाजे के साथ उसी जगह पर सम्मान हुआ. कथावाचक पुरी से लौट आए हैं. 200 से भी ज्यादा की संख्या में अनुयायी शामिल हुए. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

दरअसल, शनिवार को कालाहांडी के काशीबहाल में अमलीपदर निवासी कथावाचक आचार्य युवराज पांडेय का रास्ता रोक कर उनसे चोर के शक में दुर्व्यवहार किया गया था. रास्ता रोकने वाले 100 की संख्या में थे. उस दुर्व्यवहार से छत्तीसगढ़ भर में मौजूद कथावाचक अनुयायियों में जबरदस्त आक्रोश था.

बाबा के अपमान करने वालों पर कार्रवाई को लेकर दुर्ग, बस्तर, गुंडरदेही समेत 6 जिले में 15 से ज्यादा थानों में ज्ञापन सौपा गया था. राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद ने भी कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आन्दोलन की चेतावनी दी है.

मामले को लेकर प्रदेश और ओडिशा में तनाव का माहौल बना हुआ है, लेकिन इसी तनाव के बीच आज 200 से भी ज्यादा अनुयायी और शिष्यों की भीड़ काशिबहाल के उसी स्थान पर कथावाचक को रोक उनका आत्मीय स्वागत कर शक्ति प्रदर्शन भी किया.

शंख और बाजा के धुन में शिष्यों की टोली ‘बोल कालिया’ के धुन पर थिरकते हुए काशीबहाल से धर्मगढ़ नगर तक कथावाचक का शोभायात्रा निकाली निकाली गई. स्थिति को देखते हुए धर्मगढ़ एसडीओपी धीरज चोपदार पूरे समय बल के साथ तैनात रहे.

इस दौरान अनुयायियों ने एसडीओपी के समक्ष ज्ञापन सौंप अपमान के बदले माफी मांगने और उपद्रवियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की.

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