भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार जल्द ही पुरी जगन्नाथ मंदिर में आने वाले भक्तों को मुफ्त महाप्रसाद देने की योजना बना रही है, इसकी जानकारी ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने दी. रविवार को इस घोषणा के दौरान मंत्री ने बताया कि इस पहल के लिए प्रक्रिया तैयार की जा रही है और इसे पवित्र कार्तिक महीने के बाद शुरू किया जाएगा. उन्होंने कुछ भक्तों से इस नेक काम में सहयोग करने का आग्रह भी किया, क्योंकि इस योजना से सरकार पर प्रति वर्ष 14-15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा.

मंत्री ने कहा, “हम इस उद्देश्य के लिए हर साल लगभग 14-15 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित कर रहे हैं. कुछ दयालु भक्तों ने इस नेक कार्य में सरकार की मदद के लिए आगे हाथ बढ़ाया है. मुझे विश्वास है कि सरकार पर बोझ डालने के बजाय, और अधिक भक्त इस कार्य में हाथ बंटाएंगे, जिससे उन्हें भगवान जगन्नाथ की अधिक आशीर्वाद प्राप्त होगी.”

उन्होंने यह भी बताया कि यह योजना कार्तिक महीने के बाद मंदिर में भीड़ कम होने के बाद शुरू की जाएगी. मुफ्त महाप्रसाद योजना पर टिप्पणी करते हुए एक सेवक ने कहा, “हम ओडिशा सरकार के इस कदम का स्वागत करते हैं. यदि भक्तों को केले के पत्तों पर महाप्रसाद परोसा जाता है, तो वे शांति से लौटेंगे. यदि आवश्यकता हो, तो उन्हें हर सप्ताह के लिए भोजन का चार्ट तैयार करना चाहिए.”

उन्होंने आगे सुझाव दिया, “वे ‘दही पखाला’, ‘चावल और दलमा’, ‘अंबालु रोहणी’, ‘अबादा पखाला’ आदि परोस सकते हैं. महाप्रसाद के लिए भक्तों को कतार में खड़ा करने के बजाय, उन्हें बैठाकर उचित ढंग से भोजन परोसना चाहिए.”

गौरतलब है कि महाप्रसाद प्रतिदिन देवताओं को अर्पित किया जाता है, और इसे बेचने का कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि, सुवर और महासुवर (सेवकों का समूह) द्वारा बनाए गए महाप्रसाद को प्रतिदिन मंदिर के अंदर आनंद बाजार में बेचा जाता है.