हेमंत शर्मा इंदौर। आज हम एक बेहद महत्वपूर्ण और जनहित के मुद्दे पर बात करेंगे, जो सीधे आपकी जेब से जुड़ा हुआ है। आज एक चौंकाने वाला दस्तावेज हमारे हाथ लगा है, जो मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम से संबंधित है। यह दस्तावेज देवास-भोपाल राजमार्ग (हाईवे 28) के निर्माण और उस पर वसूले जा रहे टोल टैक्स की असलियत उजागर करता है। देवास-भोपाल हाइवे को बनाने में 426 करोड़ रुपये की लागत आई थी। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस हाईवे पर अब तक 1600 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का टोल टैक्स वसूला जा चुका है? और यह सिलसिला यहीं नहीं रुकने वाला, क्योंकि यह टोल टैक्स वसूली 2033 तक जारी रहने वाली है। अब सवाल यह उठता है कि जब टोल संचालक हाइवे की लागत से कई गुना पैसा पहले ही वसूल चुका है, तो आखिर क्यों यह टोल टैक्स बंद नहीं किए जा रहे? क्यों आम जनता को इस तरह से आर्थिक बोझ तले दबाया जा रहा है?
मेहनत की कमाई पर अतिरिक्त बोझ
सड़क विकास निगम के इस दस्तावेज से यह साफ होता है कि आने वाले 8 सालों में भी टोल टैक्स के जरिए जनता से भारी मात्रा में पैसा वसूला जाएगा। यह सीधे तौर पर आम जनता की मेहनत की कमाई पर एक अतिरिक्त बोझ है, जो खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। यह मुद्दा न केवल आर्थिक, बल्कि नैतिक और प्रशासनिक सवाल भी खड़े करता है। क्या सरकारें जनता की गाढ़ी कमाई का ध्यान रखते हुए इस तरह के निर्णय लेंगी, या फिर यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?
वाहनों की संख्या में 5 गुना वृद्धि
इस पूरे मामले में रोड एक्सपर्ट अतुल सेठ, का कहना है कि नए प्रावधान किए जाने चाहिए। 2010 के बाद से वाहनों की संख्या में 5 गुना वृद्धि हुई है, ऐसे में नए नियमों के तहत टोल टैक्स की समीक्षा की जानी चाहिए। कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि राजनीति से ऊपर उठकर आम जनता को राहत देने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को एक रणनीति बनानी चाहिए, जिससे टोल व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
वसूली की राशि किसकी जेब में
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केके मिश्रा ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा कि भोपाल से देवास रोड की लागत 426 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब तक 1610 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इस अवैध वसूली की राशि किसकी जेब में जा रही है? मिश्रा ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में घोषणा की थी कि 60 किमी के भीतर दूसरा टोल नहीं लगाया जाएगा, फिर यह लूट किसके आदेश से हो रही है? इस पूरे मामले में इन टोल टैक्स से गुजरने वाले हेमंत नागले, दिनेश व्यास और संध्या का कहना है अगर यह टोल टैक्स लागत राशि से कई गुना ज्यादा राशि वसूल चुके हैं तो इन्हें बंद करने के लिए सरकार को भी विचार करना चाहिए। इससे आम आदमी की जेब पर कहीं ना कहीं फर्क जरुर पड़ेगा।
नई रणनीति बहुत जल्द लागू होगी
मामले में इंदौर सांसद शंकर लालवानी यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कल टोल टैक्स कांग्रेस की सरकार के समय दिए गए थे। जो 25-25 30 साल के लिए दिए गए उसमें से कुछ टोल टैक्स को हमने बंद करवाया है और जो टोल टैक्स संचालित हो रहे हैं इनको लेकर भी नई रणनीति बनाकर बहुत जल्द हम तैयार कर रहे हैं, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा
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