प्रतीक चौहान. रायपुर. दुर्ग-विशाखापट्नम वंदेभारत ट्रेन (Durg To Visakhapatnam Vande Bharat) को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस ट्रेन में रेलवे के अधिकारियों, मीडिया रिपोटर्स की टीम, समाज सेवी संगठन, यू-ट्यूबर्स समेत कई लोग ट्रेन में यात्रा करने के लिए पहुंचे. तमाम लोग रायपुर से महासमुंद तक वंदेभारत ट्रेन में पहुंचे और वहां से रेलवे द्वारा संचालित एक स्पेशल ट्रेन से रायपुर पहुंचे. लेकिन इस ट्रेन में रायपुर रेल मंडल के आरपीएफ कमांडेंट की पत्नी भी रायपुर से महासमुंद तक गई.

 अब चूंकि रायपुर रेल मंडल के कमांडेंट की पत्नी थी तो आरपीएफ भी सुरक्षा तो देगी ही. उनके साथ आरपीएफ के एक आरक्षक की ड्यूटी लगा दी गई. महासमुंद स्टेशन में तमाम यात्रियों और मैडम के उतरने के बाद उक्त आरपीएफ आरक्षक और रायपुर रेल मंडल के एक इंस्पेक्टर मैडम की सुरक्षा और उनकी आव-भगत में लगे रहे.

महासमुंद रेलवे स्टेशन में मैडम को सुरक्षित महासमुंद आरपीएफ पोस्ट में बैठाया गया और पूरे वक्त वहां इंस्पेक्टर समेत एक आरक्षक उनके लिए मुस्तैद रहे. थोड़ी देर बाद मैडम के लिए गाड़ी वहां पहुंची जो उन्हें रायपुर लेकर पहुंची.

इस पूरे मामले में रायपुर रेल मंडल के आरपीएफ कमांडेंट का कहना है कि मैडम की सुरक्षा के लिए कोई भी आरक्षक की ड्यूटी नहीं लगाई गई थी. लेकिन जब लल्लूराम डॉट कॉम ने उन्हें बताया कि हमारे पास फोटो मौजूद है तो उन्होंने फिर कहा कि मैं पता करवाता हूं.

आरपीएफ कमांडेंट ने कहा कि वंदेभारत एक्सप्रेस की ड्रोन शूटिंग के लिए एक टीम महासमुंद के महानदी तक गई थी. वहीं टीम उनकी पत्नी (आरपीएफ कमांडेंट की पत्नी) को लेने के लिए महासमुंद रेलवे स्टेशन गई और उन्हें रायपुर लेकर आई.

जबकि रेलवे के CPRO रैंक के अफसर भी रेलवे के उसी स्पेशल ट्रेन से रायपुर लौटे जिससे तमाम लोग बैठे थे. इसी ट्रेन में स्कार्ट करने के लिए जिस इंस्पेक्टर की ड्यूटी लगाई गई थी वे भी लौटे. लल्लूराम डॉट कॉम ने ट्रेन का पूरा चप्पा-चप्पा देखा लेकिन इसमें मैडम के साथ मौजूद आरपीएफ आरक्षक नहीं दिखा, जो महासमुंद रेलवे स्टेशन में उनकी सिक्यूरिटी के लिए उनके साथ था.

जबकि कहने को RPF में आरक्षकों की कमी है और इसी का हवाला देते हुए दुर्ग में आरक्षकों की 12-12 घंटे की शिफ्ट लगाई जाती है.  अब आरपीएफ के उच्च अधिकारियों के लिए ये जांच का विषय है कि उक्त आरपीएफ स्टॉफ की ड्यूटी कहा लगी थी ? क्या कागजों में कही और ड्यूटी दिखाकर उन्हें डीएससी मैडम की सिक्योरिटी के लिए रखा गया था ? या अब उक्त स्टॉफ की ड्यूटी स्कार्टिंग पार्टी में दिखाकर कागजी कार्रवाई कर दी जाएगी ? लेकिन आरपीएफ के अधिकारी इसकी पुष्टि चाहे तो महासमुंद रेलवे स्टेशन में लगे सीसीटीवी कैमरे, रायपुर से मंदिर हसौद के बीच मौजूद टोल में लगे सीसीटीवी कैमरे जांच कर ले तो स्पष्ट हो जाएगा कि उक्त आरपीएफ स्टॉफ मैडम से गाड़ी में लौटा या ट्रेन में ?