रायपुर- खबर की हेडिंग पढ़कर यकीनन आप चौंक रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ पुलिस महमके के मुखिया डी एम अवस्थी को अपने मातहत एसपी से यह कहना पड़ गया कि आपने मेरी नाक कटा दी. डीजीपी का ऐसा बयान चौंकाता है. लेकिन उनके इस बयान के पीछे की हकीकत उनके इरादे को भी बयां कर रही है.
दरअसल छत्तीसगढ़ पुलिस की कमान संभालने के बाद डी एम अवस्थी ने बेहतर पुलिसिंग के लिए कई प्रयोग शुरू किए हैं. इन्हीं प्रयोग में शामिल है मजबूत पुलिस, विश्वसनीय पुलिस का वह ध्येय वाक्य, जिसके आधार पर काम करने का वादा अवस्थी ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही किया था. पुलिस में दर्ज मामलों में कार्यवाही नहीं होने के मामलों पर भी उन्होंने खुद शिकायत सुनने की कवायद शुरू की. प्रदेश भर से ऐसे दर्जनों मामने उन तक पहुंचने लगे हैं. इन्हीं में एक मामला रायगढ़ जिले का सामने आया, जहां विधवा अपने पति की मौत के मामले की जांच की मांग लिए दर-दर भटक रही थी. आईजी और एसपी से मुलाकात के बाद भी जब न्याय नहीं मिला, तब उस महिला ने रायपुर पहुंचकर डीजीपी अवस्थी से मुलाकात की. इसके बाद डीजीपी ने न केवल रायगढ़ एसपी राजेश अग्रवाल को तलब किया, बल्कि मामले की विवेचना कर रहे थानेदार ध्रुव कुमार और एएसआई को भी मुख्यालय बुलाया.
प्रार्थी की मौजूदगी में ही डी एम अवस्थी ने विवेचना का ब्यौरा मांगा, लेकिन न तो थानेदार और एएसआई कुछ बता पाने की स्थिति में था और न ही एसपी राजेश अग्रवाल कुछ कह पाए. इससे नाराज होकर डीजीपी अवस्थी फट पड़े. उन्होंने कहा कि 44 दिन बाद भी इस मामले की विवेचना नहीं हो पाई है. 12 मार्च 2019 की यह घटना है, लेकिन अब तक जांच की दिशा आगे क्यों नहीं बढ़ाई गई? उन्होंने थानेदार को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या नौकरी की चिंता नहीं है? प्रकरण को 44 दिनों तक लटकाए रखना बिल्कुल उचित नहीं है. अवस्थी ने अपने स्टाफ अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि थानेदार की सेवा पुस्तिका के रिकार्ड निकलाइए.
एसपी से कहा- कर्तव्य के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं
डीजीपी डी एम अवस्थी ने इस दौरान रायगढ़ एसपी राजेश अग्रवाल से पूछा कि कितने दिनों में विवेचना पूरी होगी? इस पर जवाब में उन्होंने कहा कि जल्द कर लेंगे. इस पर अवस्थी ने कहा कि यदि कोई प्रकरण डीजी तक पहुंच रहा है, तो इससे स्थानीय स्तर पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते हैं. अवस्थी ने कहा कि हर रोज रायगढ़ से दर्जनों शिकायतें आ रही हैं. उन्होंने निर्देश कहते हुए कहा कि किसी भी एसपी का पहला जिला बेहद महत्वपूर्ण होता है. यह ध्यान रखा जाना चाहिए. डी एम अवस्थी ने लल्लूराम डाट काम से कहा कि-
सभी जिलों के एसपी मेरे टीम मेंबर्स हैं. पुलिस फैमिली में यदि कहीं कोई गलती होती है, तो मुखिया होने के नाते मैं उन्हें सुधारने के लिए कहता हूं. बेहतर पुलिसिंग की दिशा में हर किसी का प्रयास होना चाहिए.
प्रार्थी से बोले, एक हफ्ते में कार्रवाई नहीं हुई, तो मेरे पास आना
डीजीपी ने एसपी और थानेदार की मौजूदगी में ही प्रार्थी से कहा कि एक हफ्ते के भीतर कार्रवाई नहीं हुई, तो सीधे मेरे पास आना. डीजीपी के इस आश्वासन के बाद पीड़ित परिवार लौट गया, हालांकि इधर रायगढ़ एसपी ने आश्वास्त किया है कि जल्द से जल्द मामले की विवेचना कर जांच पूरी कर ली जाएगी.