बिलासपुर। कोरिया पुलिस लाइन में पदस्थ रक्षित निरीक्षक विक्रम बघेल के स्थानांतरण का मामला अब डीजीपी सुलझाएंगे. ढाई वर्ष के बच्चे की देखभाल के लिए पुलिस विभाग में पदस्थ पत्नी के साथ पद स्थापना की मांग के विपरित गौरेला-पेंड्रा में स्थानांतरित किए जाने पर रक्षित निरीक्षक द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है.

दरअसल, बिलासपुर निवासी विक्रम बघेल, पुलिस लाइन कोरिया में रक्षित निरीक्षक के पद पर पदस्थ है. उनकी पत्नी किस्ट नर्गिस तिग्गा, पुलिस लाइन कबीरधाम में रक्षित निरीक्षक के पद पर पदस्थ है. दोनों का एक ढाई वर्ष का पुत्र है, जिनकी पत्नी भी पुलिस विभाग में पदस्थ होने की वजह देखभाल नहीं कर पा रही है. इस पर विकम बघेल ने स्थानांतरण नीति के तहत्‌ पुलिस महानिदेशक को आवेदन देकर कबीरधाम में स्थानांतरित किए जाने की मांग की थी, लेकिन उनका स्थानांतरण गौरेला-पेण्ड्रा- मरवाही जिले में कर दिया गया.

इस पर विक्रम बघेल ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दायर की गई. अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छग शासन सामान्य प्रशासन विभाग के स्थानांतरण नीति के तहत्‌ पति एवं पत्नी शासकीय सेवा में होने पर उनके एक ही स्थान पर पदस्थापना का प्रयास किया जाएगा. वहीं याचिकाकर्ता का स्थानांतरण गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में रक्षित निरीक्षक के पद पर किया गया है, जबकि सचिव, गृह विभाग द्वारा जारी सेटअप में जिले में रक्षित निरीक्षक का कोई स्वीकृत पद` नहीं है.

इसके साथ ही याचिकाकर्ता एवं उनकी पत्नी का ढाई वर्ष का पुत्र है, एवं पत्नी के भी पुलिस विभाग की शासकीय सेवा में होने के कारण वे अपने बच्चे की उचित रूप से देखभाल नहीं कर पा रहे हैं. उच्च न्यायालय ने याचिका की सुनवाई के पश्चात्‌ याचिकाकर्ता को यह निर्देशित किया कि वे पुलिस महानिदेशक के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करें और पुलिस महानिदेशक नियमानुसार याचिकाकर्ता के जिला-कबीरधाम में स्थानांतरण का निराकरण करें.