रायपुर- महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधिक मामलों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय में स्पेशल सेल फार क्राइम मानिटरिंग अगेंस्ट वूमेन का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद डीजीपी डी एम अवस्थी ने इस सेल के गठन की योजना तैयार कर इसे तत्काल प्रभाव से शुरू किया है. इस सेल के जरिए महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराध जैसे हत्या, बलात्कार, छेड़छाड़, एसिड अटैक और दहेज प्रताड़ना जैसे प्रकरणों की मानिटरिंग की जाएगी. डीआईजी नेहा चंपावत इस सेल की प्रभारी बनाई गई हैं. डीजीपी ने सभी जिलों में सेल गठित करने के निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने अपने निर्देश में कहा है कि राजपत्रित स्तर के पुलिस अधिकारी को नोडल इंचार्ज बनाया जाए.

जिले में गठित सेल के द्वारा प्रतिदिन महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों की विवेचना की  प्रोग्रेस रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेजी जायेगी. डीजीपी डी एम अवस्थी ने बताया कि पीड़ित महिला जिले में गठित सेल में प्रभावी कार्यवाही ना होने पर पुलिस मुख्यालय में गठित सेल के हेल्प लाईन नम्बर 9479191667 और ईमेल आईडी [email protected] पर संपर्क कर सकती हैं. डीजीपी ने कहा है कि वे खुद प्रत्येक 15 दिन में सेल की कार्यवाही की समीक्षा करेंगे.

राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर डीजीपी डीएम अवस्थी ने आज बड़े पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉंफ्रेंस करते हुए नाराजगी जाहिर की. डीजीपी ने सख्त लहजे में सभी रेंज के आईजी-एसपी को अपराधों की रोकथाम और उनके निराकरण जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए हैं.

तत्काल FIR दर्ज कर आरोपियों की करें गिरफ्तारी 

डीजीपी ने बलरामपुर के राजपुर में महिला के साथ रेप और हत्या के बाद अब तक पहचान नहीं होने पर भी नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द निराकरण कर आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए है. सभी रेंज के आईजी और एसपी को महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर संजीदा रहने को कहा और तत्काल एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी करने पर बल दिया. साथ ही सभी अधिकारियों को सभी थानों का माहौल सुधारने के भी निर्देश दिए है. डीजीपी डी एम अवस्थी ने कहा है कि प्रदेश के थानों में जितने भी पेंडिंग मामले हैं, उनका निराकरण 31 दिसंबर तक कर दिया जाए.

 

डीजीपी अवस्थी ने निर्देश दिये है कि प्रत्येक थाना में एक महिला सेल का गठन करें, जिसमें महिला पुलिस अधिकारी की ड्यूटी लगायें. जिससे पीड़ित महिला आसानी से अपनी बात रख सकें. उन्होंने निर्देश दिये कि जिले में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर महिला हेल्प लाईन नम्बर 1091 और डाॅयल 112 का होर्डिंग्स/ फ्लैक्स लगाकर व्यापक प्रचार-प्रसार करें. ग्रामीण क्षेत्रों में भी उक्त नम्बरों के संबंध में जागरूकता फैलाई जाये. महिला पेट्रोलिंग टीम संवेदनशील स्थानों में लगातार भ्रमण करें एवं किसी प्रकार शिकायत मिलने पर तत्काल कार्यवाही करें. उन्होंने कहा कि राज्य के 6 जिलों रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा एवं रायगढ़ में महिला विरूद्ध अपराध अनुसंधान इकाई (IUCAW) संचालित है. इन इकाईयों द्वारा महिला अपराधों की शत-प्रतिशत माॅनिटरिंग कर विवेचना की प्रगति से प्रतिदिन पुलिस मुख्यालय को अवगत करायें.

इस बैठक में एडीजी आर के विज, अशोक जुनेजा, हिमांशु गुप्ता, रायपुर आईजी आनंद छाबड़ा, डीआईजी ओपी पाल, एआईजी मयंक श्रीवास्तव समेत सभी जिलों के पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे.