रिपोर्ट- पं. वैभव बेमेतरिहा
रायपुर। छत्तीसगढ़ को लेकर राहुल गांधी एक खास रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसमें जातीय फार्मूले को लेकर विशेष तरह के समीकरण बैठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में  छत्तीसगढ़ के पिछड़ा वर्ग के किसी नेता को राष्ट्रीय संगठन में शामिल किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में इस वक्त पिछड़ा वर्ग से भूपेश बघेल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं। ऐसे में पिछड़ा वर्ग से आने वाले दो वरिष्ठ नेता धनेन्द्र साहू या चरण दास महंत को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी दी जा सकती है। धनेन्द्र साहू वर्तमान में विधायक है। वे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े ओबीसी वर्ग साहू समाज से आते हैं। वहीं चरणदास महंत केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं, साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व भी संभाल चुके हैं। लिहाजा उनका पलड़ा भी भारी है। राहुल गांधी जाहिर तौर पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जातीय संतुलन को बनाए रखने पिछड़ा वर्ग के बीच किसी एक नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी टीम शामिल करने की तैयारी में हैं।


इसी कड़ी में आज राहुल गांधी दिल्ली में देश भर के पिछड़ा वर्ग के नेताओं से मिल रहे हैं। छत्तीसगढ़ से पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, विधायक धनेन्द्र साहू,  पूर्व केन्द्रीय मंत्री चरणदास महंत विशेष रूप से शामिल हो रहे हैं। बैठक सुबह 11 बजे होगी। चुंकि छत्तीसगढ़ में 2018 में विधानसभा चुनाव होने हैं। और कांग्रेस बीते 3 चुनाव से महज 4 से 5 सीटों से सत्ता बेदखल चल रही है। लिहाजा राहुल गांधी चौथी मर्तबा सत्ता के करीब होकर भी कांग्रेस को सत्ता बेदखल देख नहीं सकते । यही वजह है कि हर वर्ग और समाज के नेताओं का प्रतिनिध्त्व कराकर उन्हें एकजुट करने की कोशिश राहुल गांधी कर रहे हैं। ताकि जिस भी तरह की गुटबाजी या मतभेद नेताओं की बीच में चल रही हो उसे खत्म किया जा सके।

 

इसी फार्मूले के तहत इससे पहले आदिवासी वर्ग से आने वाले भानूप्रतापपुर से विधायक मनोज मंडावी को आदिवासी प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। वहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी अनुसूचित जाति वर्ग से ,जबकि दो प्रभारी सचिव पिछड़ा और आदिवासी वर्ग से हैं। अब इसी कड़ी को आगे बढ़ाने तैयारी है। और इस कड़ी में संभव है कि प्रदेश के पिछड़ा वर्ग से आने वाले किसी नेता को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी दे दी जाए।