फीचर स्टोरी । किसी भी परिवार को इन दिनों शिक्षा और स्वास्थ्य की चिंता सबसे ज्यादा रहती है. क्योंकि अच्छी शिक्षा बहुत महंगी है तो वहीं बेहतर स्वास्थ्य और इलाज भी काफी महंगा है. लेकिन छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में राज्य सरकार ने इस चिंता से प्रदेशवासियों को एक तरह से मुक्त कर दिया है. क्योंकि यहां सरकारी स्कूलों में कम खर्च पर अच्छी शिक्षा है और अस्पतालों में सस्ते दरों पर बेहतर सुविधा है. इससे कहीं ज्यादा एक चिंता जो आज के इस दौर में सबसे ज्यादा लोगों को महंगी दवाइयों को लेकर भी रहती है. लेकिन इसे लेकर भी एक बड़ी राहत भूपेश सरकार ने दी है. इसका लाभ आज प्रदेश के लाखों उपभोक्ता को मिल रहा है. इस स्पेशल रिपोर्ट में बात महंगी होती दवाइयों के बीच प्रदेशवासियों को मिल रहे इसी लाभ पर करेंगे.
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कई कल्याकारी योजनाएं चलाई रही है. इन्हीं योजनाओं में से एक है श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना. इस योजना ने राज्य की एक बड़ी आबादी को महंगी दवाइयों की चिंता से मुक्त कर दी है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक योजना से अब तक 29 लाख उपभोक्ता लाभांवित हो चुके हैं. योजना के तहत 69 रुपये की बचत आम लोगों की हो चुकी है.
दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से 20 अक्टूबर 2021 को श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना की शुरुआत की गई थी. योजना का उद्देश्य आम लोगों को महंगी दवाइयों से राहत देना. योजना के तहत नगरीय निकाय क्षेत्रों में 192 जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोले गए.
इनमें- रायपुर जिले में 19, गरियाबंद में 4, बलौदाबाजार-भाटापारा में 7, धमतरी में 7, महासमुंद में 6, दुर्ग में 18, बालोद में 8, बेमेतरा में 8, राजनांदगांव में 5, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 3, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ में 1, कबीरधाम में 6, बिलासपुर में 10 तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 2, मुंगेली में 4, कोरबा में 6, जांजगीर-चांपा में 9, सक्ती में 6, रायगढ़ में 8, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 5, जशपुर में 5, सरगुजा में 4, बलरामपुर में 5, सूरजपुर में 6, कोरिया में 2, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 5, बस्तर में 3, कोण्डागांव में 3, नारायणपुर में 1, कांकेर में 6, दंतेवाड़ा में 5 सुकमा में 3 और बीजापुर जिले में 2 धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर संचालित किए जा रहे है. शासकीय चिकित्सकों को अस्पताल में इलाज हेतु आने वाले मरीजों को जेनेरिक दवाई लिखना अनिवार्य किया गया है.
योजना अंतर्गत देश की कई नामी कंपनियों की दवाइयां बहुत कम दरों पर उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है. जेनेरिक दवाइयाँ 50 से 70 फीसदी कम कीमत पर उपलब्ध है. कई दवाइयों पर 72 से 74 प्रतशित की छूट दी जा रही है. जेनेरिक दवाइयों में प्रमुख रूप से सर्दी, खांसी, बुखार, ब्लड प्रेशर, इन्सुलिन के साथ गंभीर बीमारियों की दवा, एंटीबायोटिक, सर्जिकल आइटम भी रियायती मूल्य पर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं. अब तक 192 श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर से दवाओं की खरीदी पर 29.53 लाख उपभोक्ताओं की 60 करोड़ रूपए से ज्यादा की बचत हुई है.
महासमुंद निवासी शुभम का कहना है कि सामान्य दवाइयां भी जब अन्य मेडिकल स्टोर पर जाते थे, तो किसी भी तरह से कोई छूट नहीं मिलती थी. जो एमआरपी है उसी दाम पर दवाइयां मिलती, लेकिन धनवतंरी मेडिकल दुकान से अब वहीं दवाइया 70 फीसदी तक कम दाम में उपलब्ध है. मैंने धनवंतरी से 400 रुपये तक की दवाइयां जो मुझे 170 रुपये तक मिल गई.
वहीं महामसुंद के मोहम्मद का कहना है कि यह योजना गरीबों के लिए जीवनदायनी है. क्योंकि महंगाई दवाइयों के चलते पहले कर्ज तक लेने की नौबत आ जाती थी. लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है. अगर आपके जेब में 100 रुपये तक है तो आप आसानी मेडिकल स्टोर में जाकर जरुरत की दवाइयां ले सकते हैं.
वहीं बागबाहरा निवासी सावित्री कहती है कि सर्दी-खांसी जैसी मौसमी बीमारियों की दवाइयों में भी पहले काफी रुपये खर्च हो जाते थे, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है. 10-20 रुपये की दवाइयाँ अब पर्याप्त हो जाती है, क्योंकि 10-20 रुपये की दवाइयां दूसरे मेडिकल स्टोर में 200 रुपये तक की है, लेकिन धनवंतरी मेडिकल स्टोर में आधी से भी कम कीमत पर उपलब्ध है.
दंतेवाड़ा जिले के ग्राम तुड़पारास निवासी हेमंत कुमार नाग ने बताया कि मेडिकल स्टोर से वे सस्ती दामों पर दवाइयां उपलब्ध हो रही है. पहले बाहर के मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेना महंगा पड़ता था. अब किफायती दर पर दवाइयां मिल रही हैं अच्छा इलाज हो रहा है और पैसे की बचत हो रही है. जबकि बारसूर के रहने वाले धनेश पदामी ने धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल योजना को बहुत ही अच्छा बताया और कहा कि इससे निम्न वर्ग परिवार भी आसानी से लाभ ले पा रहे हैं.
चिरमिरी स्थित स्टोर में दवाइयां खरीदने आए सपन कमार साहा बताते हैं कि मैं यहां माता-पिता के लिए दवाएं लेने आता हूं पहले मुझे 9 से 10 हजार दवाईयों पर खर्च करने पड़ते थे, यहां मुझे उसी फॉर्मूले की असरकारक दवाएं मात्र 4-5 हजार में मिल रहीं हैं. वहीं गोदरीपारा की कलावती ने बताया कि मुझे प्रति सप्ताह बी.पी., शुगर व थाइराईड की 500 रुपए तक की दवा लगती थी, परन्तु मुझे यहां दवाएं 250 रुपए में मिली है, जिससे काफी बचत हो रही है.
कोंडागांव जिले के प्रवीरचंद्र राय कहते हैं कि जो दवाइयां मैं 1200 रुपए में खरीदता था उसी फॉर्मूले की असरकारक दवाई यहां 65 प्रतिशत डिस्काउंट पर मात्र 420 रुपए में मिल जाती हैं. वहीं सीमावर्ती पड़ोसी राज्य उड़ीसा के रायगढ़ ब्लॉक के कीविगोंगा ग्राम से दर्द की दवाई लेने आए श्री वासुदेव वाला ने बताया कि उन्हें 325 रुपए एमआरपी की दवाई मात्र 118 रुपए में प्राप्त हो रही है. कोंडागांव के आशीष जैन का कहना है कि वे प्रति माह शुगर और बीपी की जो दवाइयां 2271 रुपए में खरीदते थे उसी फॉर्मूले की जेनेरिक दवाई अब मात्र 795 रुपए में यहां प्राप्त हो जाती है, जिससे उनकी दवाईयों के ख़र्च में बहुत कमी आई है.