रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी आदिवासी नहीं है, तो फिर उनके बेटे अमित जोगी आखिर कैसे आदिवासी आरक्षित सीट से चुनाव लड़कर जीत सकते हैं. हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट में जब ये साबित हो गया कि अजीत जोगी कंवर जाति के नहीं हैं, तो फिर उनका बेटा भी आदिवासी नहीं हुआ, लिहाजा मारवाही विधायक अमित जोगी को नैतिकता के नाते इस्तीफा दे देना चाहिए. ये मांग की है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने….
धरमलाल कौशिक ने हाई पावर कमेटी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को आदिवासी वर्ग से मानने से इंकार करने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी शुरू से ही अजीत जोगी के आदिवासी नहीं होने की बात प्रमुखता से हर मंच पर उठाती रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने न केवल उन्हें छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की बागडोर आदिवासी नेता होने के नाम पर दी, बल्कि उन्हें कांग्रेस पार्टी के आदिवासी वर्ग का राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व कई सालों तक सौंपे रखा.
कौशिक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी हाई पावर कमेटी ने आजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना है, इसलिए बीजेपी ने जिस मुद्दे को लेकर आवाज उठाई वह आज सच साबित हुई है. उन्होंने कहा कि जब पिता आदिवासी नहीं है, तो मरवाही विधायक अमित जोगी कैसे आदिवासी सीट से विधायक रह सकते हैं, उन्हें नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.
कौशिक ने कहा पूर्व कांग्रेसी नेता अजीत जोगी व अमित जोगी छत्तीसगढ़ के आदिवासियों से माफी मांगें. उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी नहीं होने के बावजूद सोनिया गांधी ने अजीत जोगी को आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व बताते हुए मुख्यमंत्री बना दिया, ये आदिवासी वर्ग का अपमान हैं, लिहाजा सोनिया गांधी को भी देश की जनता से माफी मांगना चाहिए…