रायपुर- भारतीय जनता पार्टी ने शराबबंदी, 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण तथा बेरोजगारी भत्ते के लिए प्रदेश सरकार द्वारा समितियां गठित करने के मुद्दे पर निशाना साधा है. पार्टी ने कहा है कि यह प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी का जीता-जागता नमूना है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एक वक्तव्य में आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने से मुकर रही है.
कौशिक ने कहा है कि दरअसल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नीयत में ही खोट है और वह काम नहीं करने के लिए समितियों का गठन करके अपनी वादाखिलाफी का परिचय दे रही है. पूर्ण शराबबंदी का हल्ला मचाने वाले कांग्रेसी अब अपनी सरकार के रहते इस मुद्दे पर नित-नई बहानेबाजी कर रहे हैं. शराबबंदी के नाम पर प्रदेश की मातृ-शक्ति से छलावा करने वाली प्रदेश सरकार को अब शराबबंदी करने में पसीना क्यों छूटने लगा है? महज एक आदेश जारी करके शराबबंदी करने के बजाय प्रदेश सरकार टालमटोल पर क्यों उतर आई है? ‘एसआईटी-एसआईटी’ खेलने के बाद प्रदेश सरकार ‘कमेटी-कमेटी’ खेलकर प्रदेश की जनता को लोकसभा चुनाव तक भरमाने की जो शर्मनाक कोशिश कर रही है, उसे प्रदेश का जनमानस अच्छी तरह समझ रहा है.
कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार में पुरुषार्थ करके अपनी कोई जनकल्याणकारी योजना लाने की राजनीतिक क्षमता व इच्छाशक्ति है नहीं, इसलिए केन्द्र सरकार की आयुष्मान जैसी जनहितैषी योजनाओं को अधर में लटकाकर और 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण के फैसले को लागू नहीं करके शर्मनाक राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन कर रही है. नेता प्रतिपक्ष ने बेरोजगारी भत्ते के मामले में बेरोजगार युवकों को छलने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने के लिए अब जाकर अंतरविभागीय समिति गठित करके इसे भी अधर में लटका दिया है, जबकि जिन बेराजगार युवकों से फार्म भरवाए गए हैं, उन्हें भी भत्ता देने की नीयत सरकार की नही दिख रही है. दरअसल प्रदेश सरकार के पास कोई दृष्टिकोण नहीं है, सरकार चलाने की समझ नहीं है और इसीलिए वह अब बहानेबाजी करके जैसे-तैसे लोकसभा चुनाव तक प्रदेश को भ्रम में रखने की साजिशाना कोशिशें कर रही है. प्रदेश सरकार योजनाओं के नाम बदलकर एक परिवार की चाटुकारिता का जैसा घृणित राजनीतिक चरित्र दर्शा रही है, केन्द्र की योजनाओं और कामों का श्रेय लूटने के जैसे हथकंडे अपना रही है, और बिजली बिल, सम्पत्ति कर व चिटफंड निवेशकों के साथ जैसा छलावा बजट में राशि का प्रावधान ही नहीं करके कर रही है, उन सबका माकूल जवाब प्रदेश की जनता आने वाले लोकसभा चुनाव में देगी. उन्होंने कहा कि झूठ और फरेब की राजनीति करके कांग्रेस छत्तीसगढ़ की जनता को भरमाने की कोशिशों में आखिरकार मुंह की ही खाएगी.