रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि धरमलाल कौशिक अपने घर के होम क्वॉरेंटाइन से बाहर निकले बगैर क्वॉरेंटाइन सेंटर के नाम से मनगढ़ंत आधारहीन बयानबाजी कर नेता प्रतिपक्ष होने का दायित्व की औपचारिकता निभाना बंद करें. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने दायित्व का जिम्मेदारियों और अपने कर्तव्यों का संकट काल में 24 घंटा सातों दिन निर्वहन कर रहे हैं. प्रवासी मजदूरों के घर वापसी से लेकर क्वॉरेंटाइन सेंटर से उनके घर पहुंचने तक निरंतर उनके खाने-पीने रहने से लेकर उनके लिये चरणपादुका, रोजगार, उनके बच्चों की शिक्षा व महिलाओं की सुरक्षा की चिंता छत्तीसगढ़ सरकार कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर धरमलाल कौशिक नेता प्रतिपक्ष होने के दायित्व को निर्वहन करने में असफल सिद्ध हुए हैं. नेता प्रतिपक्ष होने का मतलब कतई यह नहीं है कि सिर्फ झूठे आधारहीन आरोप लगाकर बयानबाजी ही की जाए.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भाजपा द्वारा कमाने खाने बाहर गए छत्तीसगढ़ के मजदूरों के लिए प्रयोग की जा रही भाषा पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा के नेता प्रवासी मजदूरों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे ये मजदूर चीन जापान अमेरिका से आये हो. सच्चाई तो यह है कि मोदी सरकार द्वारा अदूरदर्शितापूर्ण बिना तैयारी के किये गए लॉकडाउन के दुष्परिणाम भारत के मजदूरों को भुगतने पड़े हैं. गरीबों को असहनीय कष्ट उठाने पड़ रहे हैं. मजदूरों को अपने देश में अपने प्रदेश में अपने गांव में अपना घर होने के बावजूद मोदी सरकार के गलत नीतियोंं के परिवार सहित 14 दिन क्वॉरेंटाइन सेंटर में शरणार्थियों की तरह रहना पड़ रहा है. लॉकडाउन से उत्पन्न विपत्ति के कारण मजदूरों की भूख, प्यास ,तबियत बिगड़ने और दुर्घटनाओं में मौत हुई. महामारी आपदा काल में मोदी सरकार के लापरवाही गैरजिम्मेदाराना रवैया हठधर्मिता जिद्द के चलते देशभर में 600 से अधिक मजदूरों की अकाल मृत्यु हुई है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा के नेता वातानुकूलित कमरों में बैठकर क्वॉरेंटाइन सेंटर के विषय में बयानबाजी न करें. मजदूरों के नाम से घड़ियाली आंसू बहाकर राजनीति रोटी न सेकें. भाजपा के नेताओं को मजदूरों की रोटी की चिंता होती तो मोदी सरकार से मजदूरों के खातों में तत्काल 10000 जमा कराने की गुजारिश करते और न्याय योजना शुरू कर आने वाले 6 माह प्रत्येक आर्थिक रूप से अक्षम परिवार को 7500 मासिक देने की गुहार लगाते.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि असल मे भाजपा नेताओं को मजदूर की रोटी की नहीं बल्कि अपनी राजनीतिक रोटी की चिंता है. मजदूरों के भूख प्यास में भी भाजपा नेता राजनीतिक अवसर तलाश रहे हैं. मोदी के आपदा में अवसर का मंत्र भाजपा नेता प्रयोग कर रहे हैं. आपदा संकट में फंसे मजदूरों को मदद करने के बजाय मात्र राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार निरंतर प्रवासी मजदूरों और छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों की चिंता कर रही है. छत्तीसगढ़ में आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालन करने संकटकाल में 30 हजार करोड़ की राहत पैकेज की मांग मोदी सरकार किये हैं. जिसका विरोध भाजपा के नेता कर रहे हैं. इसे स्पष्ट हो गया कि भाजपा के नेताओं को छत्तीसगढ़ के किसान, मजदूर, गृहिणी, व्यापारी व छात्रों की चिंता नहीं है, बल्कि भाजपा नेता इनको दुःखी रखकर इनके कष्ट इनके तकलीफ के नाम से मात्र राजनीति करना चाहते हैं.