रायपुर- बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक का आऱोप है कि प्रदेश में किसानों का आंदोलन राजनीति प्रेरित है. चुनाव करीब है, लिहाजा विपक्षी पार्टियां किसानों को उकसाने की कोशिश कर रही है. किसानों को भ्रमित कर उनके आंदोलन को दिशा परिवर्तन देने करने की कोशिश की जा रही है. कौशिक का कहना है कि दूसरे राजनीतिक दल चुनाव से भयभीत है. यही वजह है कि किसानों के हितैषी बनकर आंदोलन को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं.
 
दरअसल छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने ऐलान किया है कि किसानों की बुनियादी मांगों को लेकर अब विधायक और सांसदों का उनके क्षेत्र में घेराव किया जाएगा. पहले बीजेपी के सांसद-विधायकों का घेराव होगा. किसानों के महासंघ ने 16 तारीख को प्रदेशव्यापी जंगी प्रदर्शन किया था. विधायकों और सांसदों का घेराव आंदोलन का दूसरा चरण होगा.
 
धरमलाल कौशिक ने कहा कि दूसरे राज्यों को देखकर छत्तीसगढ़ में भी वैसे ही हालात निर्मित करने का षडय़ंत्र किया जा रहा है. ऐसी स्थिति निर्मित करने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री के साथ हम सब मिल-बैठकर किसानों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास करते हैं.  आगे भी करेंगे. किसानों के हितों को ध्यान रखकर रास्ता निकाला जा रहा है.  हम उनके लिए और जितना सम्भव होगा करेंगे. कौशिक ने कहा कि प्रदेश के हालात दूसरे राज्यों की तुलना में बेहतर हैं. किसान संगठनों को आंदोलन जैसे कदम उठाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि- प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से किसानों की बेहतरी के लिए प्रदेश में ढेरों काम हुए हैं. कांग्रेस की सरकार के दौरान 14 फीसदी ब्याज दर पर किसानों को ऋण लेना पड़ता था. बीजेपी सरकार ने किसानों की आर्थिक,सामाजिक स्थिति को बेहतर किया है. उत्पादन लागत कम करते हुए फसल का वाजिब हक किसानों को दिया है. सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही है. 
 
कौशिक ने कांग्रेस से सवाल पूछा है कि जब उनकी सरकार थी और देने का वक्त था, तब किसानों के हिस्से क्या आय़ा? सब्सिडी बंद कर दी गई. धान की खरीदी आधी-अधूरी की गई.