अनिल सक्सेना, रायसेन। शहर के बैगमगंज नगर में चौमासा कर रहे आचार्य गुरुवर 108 विद्यासागर महाराज के परम प्रभा वर्क शिष्य निर्यापक मुनि 108 समता सागर महाराज, मुनि निष्काम्प सागर महाराज, मुनि महासागर महाराज, एलेक निश्चय सागर महाराज के सानिध्य में रक्षाबंधन के अवसर पर सवा लाख नारियलों का अर्घ दिया गया। चातुर्मास कर रहे मुनि श्री के सानिध्य में जैन मंदिर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। अर्घ समर्पण से जो धनराशि इकट्टी होगी वह बेजुबान जानवरों के रक्षा, उनके दाना पानी और रख रखाव पर खर्च की जाएगी।

इस अवसर पर मुनि संघ द्वारा संदेश में कहा गया कि भारतीय संस्कृति सुरक्षा की संस्कृति रही है। इस संस्कृति में कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया गया। लेकिन अगर किसी ने हिंसा के मार्ग को अपनाया है तो उसे परास्त करने के लिए आवश्यक कदम जरूर उठाएं हैं। रक्षाबंधन का पर्व हमें यही संदेश देता है। उसे इस कथा के माध्यम से व्यक्त किया कि अन्यायी राजा बलि का आतंक बढ़ गया था। भगवान विष्णु ने बामन का रूप लिया और उस बली का अंत किया‌। जैन परंपरा में 700 मुनियों पर अन्याय अत्याचार किया धर्मपाल श्रद्धा ना रखने वालों ने उपसर्ग किया। तपस्या में व्यवधान डाला तो विष्णु कुमार मुनि ने उनकी रक्षा की। बाली के आतंक का अंत कर मुनियों की रक्षा की 700 मुनियों को अर्घ अर्पित किये। इस मौके पर समस्त जैन समाज मंदिर में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा। एक परिवार के द्वारा 700 श्रीफल चढ़ाएं।

चौमासा कार्यक्रम में लगभग 1लाख 25 हजार श्रीफल अर्पित किए। श्रीफल इतने इकट्ठे हुए कुछ कार्यकर्ता श्री फलों का स्थान खाली करने में लगे रहे। मंच पर बैठे मुनि श्री मंत्र उच्चारण करने में लगे रहे। इस अवसर पर मुनि श्री ने प्रेरणा देते हुए कहा अपनी अपनी कलाई पर एक रक्षा सूत्र बांधे। पहला रक्षा सूत्र राष्ट्र के नाम पर बांधे। दूसरा रक्षा सूत्र धर्म की रक्षा के लिए, तीसरा रक्षा सूत्र मूक जानवरों की रक्षा के लिए बांधे, चौथा सूत्र भाई बहन की रक्षा के लिए और परिवार की रक्षा के लिए बांधे ।कार्यक्रम में सकल दिगंबर जैन समाज अध्यक्ष अक्षय सराफ, महामंत्री मनोज जैन मानकी वाले, कोषाध्यक्ष मुकेश जैन, चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र जैन बीरपुर वाले, धर्मेंद्र जैन राजीव जैन राजपुरा सहित सामाजिक बंधु उपस्थित थे।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus