प्रदीप मालवीय,उज्जैन। धर्म नगरी उज्जैन में रक्षा बंधन का त्यौहार यूं तो बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है लेकिन देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे अहम माने जाने वाले बाबा महाकाल के दरबार में आज सुबह तीन बजे भस्मारती के दौरान बाबा को विशेष राखी बांधी गई। सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। ऐसी मान्यता है की बाबा महाकाल को सबसे पहले राखी बांधी जाती है।

श्रावण माह का आज अंतिम दिन होने के कारण श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। भस्मारती के पहले बाबा का जलाभिषेक कर महापंचामृत अभिषेक किया गया। यहां बाबा महाकाल का दूध, दही, घी, शहद और फल के रस से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये गए। इसके बाद बाबा को भस्म चढाई गई। भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई । भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते है। इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का वातावरण है।

आज रक्षाबंधन पर्व पर बाबा महाकाल को विशेष राखी बांधी गई । मान्यता है कि महाकाल की नगरी उज्जैन में हर शुभ कार्य की शुरुआत बाबा महाकाल के दरबार से होती है। सुबह भस्मारती में श्रृंगार के बाद बाबा को राखी बांधी गई। इस मौके पर राजाधिराज बाबा महाकाल की सवा लाख लुड्डुओं का महाभोग लगाया गया। इस भव्य भस्म श्रंगार और भोग के साथ बाबा की महाआरती की गई। रक्षाबंधन की भस्मारती पर बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दरबार में मौजूद रहे। सदियों से चली आ रही इस परंपरा के तहत बाबा महाकाल के दरबार में पंडे – पुजारियों द्वारा सबसे पहले राखी बांधकर विश्व कल्याण और रक्षा की कामना की गई। यह राखी महाकाल मंदिर के पंडे-पुजारियों के परिवार द्वारा तैयार की जाती है। खास बात यह है कि पंडे-पुजारियों के परिवार की महिलाएं खुद इस राखी को बनाती है। जानकारी महेश पुजारी और पं. राम शर्मा पुजारी महाकाल मंदिर ने दी।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus