कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। देवों के सेनापति माने जाने भगवान कार्तिकेय का ग्वालियर में अनोखा मंदिर है। साल में एक ही बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही इस मंदिर के पट खुलते हैं। कार्तिक पूर्णिंमा पर सुबह चार बजे कार्तिकेय मंदिर के पट भक्तों के दर्शन के लिए खुले। सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरु हो गया। करीब 450 साल पुराना यह देश का इकलौता मंदिर है, जहां कार्तिकेय के साथ गंगा-यमुना-सरस्वती की त्रिवेणी मूर्ति स्थापित है।
ग्वालियर के जीवाजीगंज में स्थित यह देश का इकलौता मंदिर है, जहां कार्तिकेय स्वामी की 6 मुखी प्रतिमा स्थापित है। भगवान कार्तिकेय का मंदिर वर्ष में एक बार कार्तिक पूर्णिमा को ही खुलता है। भगवान कार्तिकेय के साथ इस मंदिर में हनुमान जी, गंगा, जमुना, सरस्वती और लक्ष्मीनारायण जी हैं। इन सभी मंदिरों में तो प्रतिदिन दर्शन होते हैं, लेकिन भगवान कार्तिकेय के साल में एक बार ही होती है। देश का यह इकलौता मंदिर है जिसमें गंगा-जमुना-सरस्वती की प्रतिमाएं एक साथ स्थापित हैं। रविवार आधी रात के बाद भगवान कार्तिकेय मंदिर के पट खोले गए। मंदिर के अंदर पुताई, सफाई और भगवान कार्तिकेय का अभिषेक किया गया, फिर उनका श्रंगार हुआ। जानकारी अमित शर्मा पुजारी ने दी।
जमुना प्रसाद, पुजारी, कार्तिकेय मंदिर, ग्वालियर ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय एक बार नाराज होकर अज्ञात स्थान पर तपस्या करने चले गए थे। जब शिव, पार्वती उन्हें मनाने पहुंचे तो उन्होंने श्राप दिया कि जो स्त्री उनके दर्शन करेगी वह सात जन्म तक विधवा हो जाएगी, जो पुरूष दर्शन करेगा वह सात जन्म तक नर्क में जायेगा। बाद में जब माता पार्वती ने उनसे कहा कि ऐसा कोई दिन बताएं जब आपके दर्शनों का भक्तों को लाभ मिल सके। तब भगवान कार्तिकेय ने कहा कि मेरे जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा पर जो भक्त मेरे दर्शन करने आएगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
कार्तिकेय पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। सोमवार सुबह 4 बजे से भगवान कार्तिकेय के दर्शन शुरू हो गए। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन देव कार्तिकेय के दर्शन करने से घरों में खुशहाली व सुख-शांति साल भर बनी रहती है। कुमार कार्तिकेय स्वामी मंदिर के पट रविवार रात 12 बजे के बाद खोले गए। मंदिर के पट खुलने के बाद पुजारी मंदिर की साफ-सफाई के बाद भगवान कार्तिकेय का श्रंगार और अभिषेक किया, 4 बजे से मंदिर के बाहर जुटे श्रद्धालुओं को अंदर आने की अनुमति दे दी गई। इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
भक्तों के लिए 24 घंटे तक खुले इस मंदिर में सोमवार की रात व मंगलवार सुबह 4 बजे पूजा अर्चना कर कार्तिकेय भगवान की प्रतिमा को कपड़े से ढंककर दरवाजे पर ताला लगा देंगे। इसके बाद यह दरवाजा अगले साल कार्तिक पूर्णिमा पर ही खुलेगा।
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