मुंबई. रोल चाहे फिल्म सत्यकाम के सीधे सादे ईमानदार हीरो का हो, या फिल्म शोले के एक्शन हीरो का हो या फिर फिल्म चुपके चुपके के कॉमेडियन हीरो का, सभी किरदार को बखुबी निभाकर अपने अभिनय की प्रतिभा से धर्मेंद्र सिंह देओल सभी का दिल जीता है. सन 1960 में फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे से अभिनय की शुरुवात करने के बाद पूरे तीन दशकों तक धर्मेंद्र चलचित्र जगत में छाये रहे.
बता दें कि उन्होंने केवल मेट्रिक तक ही शिक्षा प्राप्त की थी. उन्हें स्कूल के समय से ही फिल्मों का इतना चाव था कि दिल्लगी (1949) फिल्म को 40 से भी अधिक बार देखा था. अक्सर क्लास में पहुंचने के बजाय सिनेमा हॉल में पहुंच जाया करते थे. फिल्मों में प्रवेश के पहले धर्मेंद्र रेलवे में क्लर्क थे, तब लगभग सवा सौ रुपए तनख्वाह थी. 19 साल की उम्र में ही प्रकाश कौर के साथ उनकी शादी भी हो चुकी थी और अभिलाषा थी बड़ा अफसर बनने की.
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धर्मेंद्र का जन्म फगवाड़ा में पंजाब राज्य के कपूरथला जिले के सिख (जाट) परिवार में हुआ था. धर्मेंद्र ने दो बार शादी की थी. उनकी पहली शादी प्रकाश कौर से 19 वर्ष की उम्र में 1954 में हुई थी. उनकी दूसरी शादी बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी के साथ हुई थी. इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी देओल और सनी देओल भी फिल्मों में काम करते हैं. धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे.
फ़िल्मफेयर के एक प्रतियोगिता के दौरान अर्जुन हिंगोरानी को धर्मेंद्र पसंद आ गए और हिंगोरानी जी ने अपनी फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे के लिए 51 रुपए साइनिंग एमाउंट देकर, उन्हें हीरो की भूमिका के लिए अनुबंधित कर लिया. पहली फिल्म में नायिका कुमकुम थीं. पहली फिल्म से कुछ विशेष पहचान नहीं बन पाई थी, इसलिए अगले कुछ साल संघर्ष के बीते. संघर्ष के दिनों में जुहू में एक छोटे से कमरे में रहते थे. फिल्म अनपढ़ (1962), बंदिनी (1963) और सूरत और सीरत (1962) से लोगों ने उन्हें जाना. लेकिन धर्मेंद्र ओ.पी. रल्हन की फ़िल्म फूल और पत्थर (1966) से स्टार बने थे. धर्मेंद्र ने 200 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है, कुछ अविस्मरणीय फिल्में हैं. जैसे- अनुपमा, प्रतिज्ञा, आँखे, सत्यकाम, यादों कि बारात, शोले, धरमवीर, राजा जानी, चुपके चुपके, बगावत और मेरा गांव मेरा देश आदि.
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धर्मेन्द्र अपने स्टंट दृश्य बिना डुप्लीकेट की सहायता के स्वयं ही करते थे. धर्मेंद्र ने चिनप्पा देवर की फिल्म मां में एक चीते के साथ सही में फाइट किया था. धर्मेन्द्र को दो लाइफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड मिले हैं. जिसमें – फिल्मफेयर जीवनकाल सफलता पुरस्कार और आइफ़ा जीवनकाल सफलता पुरस्कार शामिल है.
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