दिल्ली. श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में 70 एकड़ भूमि में बने भव्य और नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. मंदिर के उद्घाटन में अब बहुत कम समय बचा है, ऐसे में तैयारियां जोरों पर है. प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे इसको लेकर सियासत बढ़ती जा रही है. रोजाना राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े किसी न किसी मुद्दे पर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है.

इसी बीच राम मंदिर पर हो रही सियासत को लेकर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “भगवान राम राजनीति का विषय नहीं हैं. धर्म से राजनीति चलती है. राजनीति से धर्म नहीं चलती…भगवान राम की स्वयं की नीति है- मर्यादा, एकता, संप्रभुता और विश्व में शांति है.”

दरअसल, एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था, ”राम हमारे हैं और वह बहुजन हैं. राम शाकाहारी नहीं, मांसाहारी थे. वे शिकार करके खाते थे.” हालांकि उन्होंने अपने इस बयान को लेकर माफी भी मांग ली है. इसी बयान पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन्हें मूर्ख और राक्षसी प्रवृत्ति का बताया है.

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “यह सभी हिंदुओं और सनातनियों के लिए सबसे बड़ी जीत है. यह उत्सव दिवाली से बहुत ज्यादा खास है इस दिन का इंतजार सबको है… दुनिया भर के सभी भगवान राम भक्त और सभी भारतीयों को इस दिन का इंतजार हैं.”

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गौरतलब है कि अयोध्या में रामलला अपने भव्य राम मंदिर में विराजित होंगे. श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अंतिम दौर में है. पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल की साक्षी बनेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए तैयार हैं. मंदिर में समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान कार्यक्रम से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होंगे.

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