गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में एक कार्यक्रम में देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन किया.उन्होने कहा कि ये पूरे देश के लिए गर्व का विषय है. उन्होंने कहा कि अगर अटल जी की सरकार दोबारा बनती तो यह पुल देश को दस साल पहले मिल जाताा. इस पुल के लिए उन्होंने असम में एक साल पहले बनी बीजेपी की सरकार की पीठ भी थपथपाई. इस पुल का नाम असम के महान गायक भूपेन हजारिका पर करने का निर्णय लिया गया.
असम-अरूणाचल को जोड़ेगा पुल
यह पुल देश के दो पूर्वोत्तर राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने का काम करेगा. सादिया और ढोला को जोड़ने वाले इस पुल को ढोला-सादिया ब्रह्मपुत्र (देखें वीडियो)पुल का नाम दिया गया है.
आज के ही दिन नरेंद्र मोदी की सरकार अपने तीन साल पूरे कर रही है. इस पुल के बनने से असम और अरूणाचल की दूरी कम हो जाएगी. सामरिक तौर पर भी यह पुल अहम भागीदारी निभाएगा. इस पुल के बन जाने से सुदूर उत्तर पूर्व के लोगों के लिए आने जाने की सुविधा हो जाएगी, कारोबार को बढ़ावा मिलेगा साथ ही इसके चालू होने से सेना को असम के पोस्ट से अरुणाचल-चीन बॉर्डर पर पहुंचने में आसानी होगी.
देश के दो पूर्वोत्तर राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाला ढोला-सादिया ब्रह्मपुत्र पुल अब देश का सबसे लंबा पुल है
सामान्य जानकारी
- ढोला-सादिया पुल की लंबाई 9.15 किमी है
- इस लिहाज से यह बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से भी 30% लंबा है
- यूपीए की सरकार ने इसे बनाने का काम 2011 में शुरू किया.
- इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 950 करोड़ की है.
- ये पुल 182 खंभों पर टिका है
- पुल भूकंपरोधी है.
- यह पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किमी और अरुणाचल की राजधानी ईटानगर से 300 किमी दूर है
पुल का महत्व
- पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम-अरुणाचल को जोड़ेगा
- जनता के आने-जाने और कारोबार के अलावा, इससे सेना की आवाजाही में भी बेहद सुविधा होगी
- इससे चीन सीमा तक के सफर में 4 घंटे की कटौती होगी
- चीन की सीमा का एरियल डिस्टेंस या हवाई दूरी 100 किमी से भी कम की है
- पुल इतना मजबूत बनाया गया है कि 60 टन के मेन बैटल टैंक भी गुजर सकें
कैसी बदलेंगे हालात
- तेजपुर के करीब कलाईभोमोरा पुल के बाद ब्रह्मपुत्र पर अगले 375 किमी याली ढोला तक बीच में कोई दूसरा पुल नहीं है.
- अभी तक इस इलाके में नदी के आरपार सारे कारोबार नावों के जरिए ही होते रहे हैं.