अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में आज (Water vision) वाटर विजन 2047 पर आयोजित ‘फर्स्ट आल इंडिया एनुअल स्टेट मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेस’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े पीएम नरेंद्र मोदी (PM modi) ने कहा कि जल मंत्रियों का पहला अखिल भारतीय जल सम्मेलन अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। आज भारत वॉटर सिक्योरिटी पर अभूतपूर्व काम कर रहा है। जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होगा। सरकार के अकेले प्रयास से ही सफलता नहीं आती है। जो सरकार में उनको इस खयाल से बाहर निकलना होगा कि अकेले के प्रयास से कुछ होगा। जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में जनता जनार्दन का साथ जरूरी है। सामाजिक संगठनों को भी ज़्यादा से ज़्यादा कोशिश करनी होगी।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री का आभार जताना चाहता हूं कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए। उन्होंने पूरी ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली । आज पूरी दुनिया में इस बात को स्वीकार करती है। आने वाले कुछ सालों यानी 2027 में हम जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले है। उसके लिए पानी और बिजली की आवश्यकता ध्यान रखना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। आने वाले समय में आपूर्ति को लेकर हम सबको मिलकर काम करना है। 2047 तक की जलापूर्ति की चिंता आज से करनी पड़ेगी। पहले बांध और उसके आस पास के क्षेत्रों के लेखा जोखा नहीं था अब हमने शुरू कर दिया है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने कहा कि ऐसा दुर्लभ अवसर मध्यप्रदेश को मिला है। ऐसे आयोजन करने का अवसर, हम सौभाग्यशाली हैं कि नरेंद्र मोदी जैसे लीडर हमें मिले। जिन विषयों पर पहले कभी विचार नहीं होता था, भोपाल जल प्रबंधन का उत्तम उदाहरण है।जब आप एयरपोर्ट से आए होंगे तब आपने बड़े तालाब को देखा होगा। एक तिहाई जनता को पानी का सप्लाई बड़ा तालाब ही कर रहा है। मध्यप्रदेश में गांव में बिना तालाब के काम नहीं चलता। धीरे-धीरे तालाबों पर अतिक्रमण हो गये।
इसलिए की समस्या खड़ी हो गई अब हम नहर नहीं बना रहे, पाइपलाइन बचा रहे है। किसान के खेतों में भी पानी की सिंचाई हो। एमपी में हमने जलाभिषेक अभियान शुरू किया था। 45 लाख हेक्टेयर मप्र में हमारी सिंचाई क्षमता है, अब हम इसे 60 लाख हेक्टेयर करेंगे। जब तक जनसहभागिता ना आए तब तक चीज़ें बनती नहीं है। हम नर्मदा भक्त है, हमने इसके लिए अभियान भी चलाया। हमने नर्मदा सेवा यात्रा की भी शुरुआत की है।वाटर विजन गंभीरता से सोचकर सारे राज्य बनाएंगे। एक से डेढ़ महीने में हम एमपी में जल नीति बनाने का प्रयोग शुरू करेंगे।
लगभग 50 हज़ार करोड़ के काम एमपी में जल जीवन मिशन के तहत बनाएंगे। सब चीजों को देखते हुए वॉटर विजन और सभी राज्यों के मंत्री बैठे हैं। मंथन से अमृत निकलेगा। जो अमृत निकलेगा उसे एमपी की जनता तक पहुंचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम एमपी में पांच चीजें ध्यान से करते हैं। स्वच्छता, पानी बचाओ, खेती बचाओ, ऊर्जा संरक्षण, पेड़ लगाने का अभियान। बोले मैं ख़ुद भी रोज तीन पेड़ लगाता हूं। कल आप सभी मेरे साथ पेड़ लगाये। उस गार्डन का नाम वॉटर विजन गार्डन देंगे। हम उस गार्डन को संभल कर रखेंगे।
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