बीजेपी ने बिहार के मंत्री नितिन नबीन को नया कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बड़ा हमला किया है. पश्चिम बंगाल बीजेपी ने सोशल मीडिया पर जो ताजा पोस्टर जारी किया है, वह महज एक ग्राफिक नहीं, बल्कि एक सोची-समझी आक्रामक रणनीति का आगाज है. इस पोस्टर में एक तरफ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का आधा चेहरा है, तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का. ऊपर मोटे अक्षरों में लिखा है’ BOTH ARE SAME यानी दोनों एक हैं.
बीजेपी ने इस एक तस्वीर के जरिए बंगाल के मतदाताओं के मन में उस डर को बिठाने की कोशिश की है, जिसे 90 के दशक में बिहार ने भोगा था. वह डर है- जंगलराज का. बिहार में बीजेपी ने लालू यादव के शासनकाल को जंगलराज का नाम देकर सत्ता परिवर्तन की पटकथा लिखी थी. अब ठीक उसी फॉर्मूले, उसी नैरेटिव और उसी डर को बंगाल की जमीन पर उतारने की तैयारी है. संदेश साफ है कि अगर आप ममता बनर्जी को वोट दे रहे हैं, तो आप दरअसल बंगाल को उसी अराजकता की ओर धकेल रहे हैं, जिससे बिहार बड़ी मुश्किल से बाहर निकल पाया है.
जंगलराज का नैरेटिव और आरजेडी की दुर्गति
इस पोस्टर के मर्म को समझने के लिए हमें थोड़ा पीछे मुड़कर बिहार की राजनीति को देखना होगा. बिहार चुनावों में, और उसके बाद भी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह तक, हर बड़े नेता ने अपनी रैलियों में जंगलराज शब्द का बार-बार इस्तेमाल किया. अपहरण, रंगदारी, हत्या और भ्रष्टाचार की कहानिया सुनाईं. बीजेपी ने बिहार में जनता को भरोसा दिलाया कि आरजेडी की वापसी का मतलब है कि लालटेन युग और गुंडाराज की वापसी. तेजस्वी यादव लाख कहते रहे कि हम किसी अपराधी को बख्शेंगे नहीं, लेकिन बीजेपी का प्रचार इतना आक्रामक था कि जनता के मन में बैठ गया और नतीजा, आरजेडी की दुर्गति हो गई.
ममता दीदी नहीं ‘हिटलर’
अब बंगाल में बीजेपी का आईटी सेल और रणनीतिकार इसी बिहार मॉडल को लागू कर रहे हैं. ममता बनर्जी के 15 साल के शासनकाल को बीजेपी ठीक उसी चश्मे से पेश कर रही है. पोस्टर के साथ बीजेपी बता रही कि हम बंगाली ममता के 15 साल के कार्यकाल को हमेशा जंगलराज के युग के रूप में याद रखेंगे. यह दिखाता है कि बीजेपी अब ममता बनर्जी की छवि को दीदी से बदलकर एक हिटलर के रूप में स्थापित करना चाहती है, जिसके राज में कानून का इकबाल खत्म हो चुका है. सोमवार को बीजेपी ने उन्हें खुलेआम हिटलर कहकर भी बुलाया.

‘पाप का घड़ा’ और जनता का मूड
पोस्टर के साथ बीजेपी कह रही कि लालू और ममता राज में बिहार और बंगाल को ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया जहां पाप का घड़ा भर चुका है. यह सिर्फ प्रचार नहीं है. राजनीति में एंटी-इनकंबेंसी तब पैदा होती है जब जनता को लगने लगता है कि अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है. संदेशखाली की घटनाएं, जहां महिलाओं के साथ हुए अत्याचार की खबरें सामने आईं, उसने बंगाल की छवि को गहरा धक्का दिया है. बीजेपी इसे ही ‘पाप का घड़ा’ भरना बता रही है. जब ईडी और सीबीआई की टीमों पर भीड़ हमले करती है जैसा कि संदेशखाली और अन्य जगहों पर देखा गया, तो यह राज्य में कानून के शासन के पतन का स्पष्ट संकेत होता है. यह अराजकता की वह स्थिति है जहां राज्य की मशीनरी या तो लाचार है या मिली हुई है. बीजेपी जनता को यह समझाना चाहती है कि यह सामान्य राजनीतिक माहौल नहीं है, बल्कि यह वही दौर है जिससे बिहार को मुक्ति मिली थी. अब बंगाल को भी उसी ‘मुक्ति’ की जरूरत है.
टीएमसी-बीजेपी में है मुकाबला
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में अब सिर्फ दो से तीन महीने वक्त बच है. मार्च-अप्रैल में चुनाव होने की उम्मीद की जा रही है. पिछले चुनावों में सत्तारूढ़ टीएमसी और बीजेपी के बीच मुकाबला हुआ था, हालांकि अभी तक राज्य की सत्ता पर काबिज टीएमसी ने हर बार अपनी सीटों की संख्या बढ़ाई है लेकिन बीजेपी ने पिछले चुनावों के अप्रत्याशित तौर पर 77 सीटें जीती थीं, हालांकि पिछले पांच सालों में काफी विधायकों के वापस टीएमसी में जाने पर बीजेपी के मौजूदा विधायकों की संख्या 63 है. विधानसभा चुनावों के हाई वोल्टेज होने की उम्मीद की जा रही है. बीजेपी पहले भी ममता बनर्जी के तानाशाह होने का आरोप लगाती आई है लेकिन चुनावों से पहले एक बार फिर बीजेपी ने सीधे ममता बनर्जी को निशाने पर लेते हुए उनकी तुलना हिटलर से की है.
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक



