सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. रेलवे के तानाशाही से जनता परेशान है. डबल किराया और स्टॉपेज नहीं देने से जनता त्रस्त है. साथ ही पेसेंजर के लिए एक्सप्रेस का किराया लिए जाने की बात भी सामने आ रही है. जिसकी शिकायत जनता अब जनप्रतिनिधियों सो कर रही है. इस समस्या को लेकर वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने दी चेतावनी है कि व्यवस्था नहीं सुधरने पर रेल रोको आंदोलन किया जाएगा.

बता दें कि, रेलवे की मनमानी को देखते हुए विधायक सत्यनारायण शर्मा ने आवाज उठाते हुए कहा कि, भारतीय रेलवे जन सुविधा के लिए जनता को एक स्थान से दूसरे स्थान में जाने के लिए है, जिससे कोई तकलीफ न हो, लेकिन जनता को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है.

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आगे उन्होंने कहा कि, बिलासपुर सर्वाधिक राजस्व देने वाली स्टेशन है लेकिन वहां के हालात बदतर हैं, वहां ट्रेनें लेट पहुंच रही है. स्टॉपेज कम किए जा रहे हैं, लोगों को बहुत असुविधा हो रही है. किसी के बच्चे बीमार हैं तो किसी को और कुछ और तकलीफ है, किसी को समय में पहुंचने पर कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसकी कोई चिंता नहीं है. इनको इसको लेकर अधिकारियों से डीआरएम से भी बात करुंगा.

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वहीं उदाहरण देते हुए आगे उन्होंने कहा कि चिरमिरी पैसेंजर है अनूपपुर स्टॉपेज के बाद सीधा बिलासपुर स्टॉपेज है. छत्तीसगढ़ में इतने स्टेशन है लेकिन कहीं स्टॉपेज नहीं है तो आखिरकार छत्तीसगढ़ की जनता कहां जाए. यहां के लोगों का क्या होगा. पब्लिक उपक्रम का सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट का ज़रिया है भारतीय रेल जिन लोगों से बात करें तो कहां से काम चलेगा. नर्मदा एक्सप्रेस जो इन्दौर से बिलासपुर आती है जो कटनी तक एक्सप्रेस है. कटनी के बाद पैसेंजर है और इसके बीच के तमाम स्टेशन पेंड्रा उसलापुर, इन सभी स्टेशनों में स्टॉपेज नहीं दिया. हम नहीं कह रहे हैं कि आप नई स्टॉपेज दीजिए लेकिन जो इन स्टॉपेज दिए हैं उसको बंद मत कीजिए.

पैसेंजर ट्रेन में एक्सप्रेस का किराया

वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि लूट मची है. पैसेंजर ट्रेन में एक्सप्रेस का किराया लिया जा रहा है. जनता को दोगुना पैसा देना पड़ रहा है और कोरोना काल में आर्थिक स्थिति गिरी है, ऐसे में लोग कैसे जिएंगे. भारतीय रेल के अधिकारी कहते हैं कि रेलवे बोर्ड ने बंद किया रेलवे बोर्ड अपने से कैसे बंद करेगा यहां के अधिकारी कुछ प्रस्ताव भेजे होंगे तभी तो कुछ लेटर आया होगा फिर बंद होगी. अगर अब भी व्यवस्था नहीं सुधरती है और जिनके लिए सुविधाएं हैं, उनको सुविधा नहीं मिलती है तो हमें एक आंदोलन चलाना पड़ेगा और जन आंदोलन के तहत अधिकारियों की आंख खुलेगी हमारा मकसद यही है की जनता को तकलीफ नहीं होना चाहिए.