दुर्ग। शादी में फोटोग्राफी की पूरी रकम लेने के बाद भी फोटो एलबम बना कर नहीं देने को व्यावसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता का कृत्य मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने अलका डिजिटल वीडियो शूटिंग एवं फोटोग्राफी के संचालक गोपाल निर्मलकर पर 16 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए आदेश पारित किया।
क्या है मामला
गया नगर दुर्ग निवासी ललित शर्मा ने अपनी पुत्री के विवाह कार्यक्रम की वीडियो शूटिंग और फोटोग्राफी के लिए केलाबाड़ी दुर्ग स्थित अलका डिजिटल वीडियो शूटिंग एवं फोटोग्राफी के संचालक गोपाल निर्मलकर से संपर्क कर 22000 रुपये में सौदा किया और बतौर एडवांस नगद 2000 रुपये तथा चेक द्वारा 15000 रुपये प्रदान किए, इसके बाद 1 दिसंबर 2016 को विवाह कार्यक्रम में अनावेदक द्वारा वीडियो शूटिंग एवं फोटोग्राफी की गई। अनावेदक ने दिनांक 2 दिसंबर 2016 को सगाई का एलबम एवं दो नग फोटो फ्रेमिंग करके परिवादी को दिया और ये आश्वासन देकर बकाया 5000 रुपये का भुगतान भी प्राप्त कर लिया कि 400 फोटो रंगीन सेट वाला शादी का एलबम बाद में लाकर देगा परंतु परिवादी को एलबम तैयार कर प्रदान नहीं किया और लगातार टालमटोल करने लगा।
जिला फोरम द्वारा अनावेदक को नोटिस भेजी गई परंतु नोटिस मिलने के बाद भी अनावेदक दुकान संचालक प्रकरण में अनुपस्थित रहा एवं उसने कोई जवाब भी नहीं दिया।
फोरम का फैसला
प्रकरण में अनावेदक की अनुपस्थिति एवं परिवादी द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के आधार पर यह प्रमाणित पाया गया कि परिवादी एवं अनावेदक के बीच विवाह कार्यक्रम में वीडियो शूटिंग एवं फोटोग्राफी के लिए सौदा हुआ था। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने यह माना कि सेवायें देने के नाम पर पूरी राशि प्राप्त कर लेना परंतु दिए गए आश्वासन के अनुसार सेवायें प्रदान नहीं करना उपभोक्ता के प्रति व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता की श्रेणी में आता है। अनावेदक ने संपूर्ण राशि प्राप्त करने के बाद भी परिवादी को शादी का एलबम तैयार कर प्रदान नहीं किया है, यह स्पष्ट रूप से व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता की श्रेणी में आने वाला गंभीर कृत्य है। पुत्री के विवाह जैसे जीवन के अनमोल प्रसंग को यादगार बनाने के उद्देश्य से ही अनावेदक जैसे सेवाप्रदाता की सेवाएं ली जाती है ताकि परंतु अनावेदक जैसे सेवाप्रदाता की लापरवाही से परिवादी और उसके परिवारजन अपनी पुत्री के विवाह जैसे अनमोल प्रसंग को जीवंत रखने से वंचित रह गये।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने अनावेदक पर 16 हजार रुपये हर्जाना लगाया, जिसमें विवाह का एलबम नहीं देने के एवज में 10000 रुपये, मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति स्वरूप 5000 रुपये तथा वाद व्यय के रूप में 1000 रुपये अदा करने का आदेश दिया, साथ ही 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा।