अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद अचानक भारत और चीन के रिश्‍तों में तेजी से सुधार होना शुरू हो गया. चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत के दौरे पर आ गए. पीएम मोदी भी महीने के अंत में एससीओ समिट में हिस्‍सा लेने के लिए चीन जा रहे हैं. क्‍या यह सब एक संयोग है या फिर ट्रंप के टैरिफ का असर. इसपर वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल की तरफ से स्‍पष्‍ट जवाब दिया गया. उन्‍होंने कहा कि भारत की नीति किसी दबाव या मजबूरी से तय नहीं होती बल्कि राष्ट्रीय हित और दीर्घकालिक रणनीति के आधार पर बनती है.

‘भारत-चीन के बीच पहले ही शुरू थी बातचीत’

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “हमने (भारत-चीन) पहले ही फिर से बातचीत शुरू कर दी थी. इसका अमेरिका के साथ मौजूदा व्यापार समझौते से जुड़े किसी भी मामले से कोई संबंध नहीं है इसलिए मैं दोनों को एक साथ नहीं जोड़ना चाहूंगा.” भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी भरोसा जताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत के पास ताकत है. भारत संभावनाओं से भरा है. हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं. हमारे आर्थिक बुनियादी ढांचे मज़बूत हैं.”

भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर क्या बोले पीयूष गोयल?

ईटी वर्ल्ड लीडर्स फोरम में पीयूष गोयल ने भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, “भारत-अमेरिका संबंध हम दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. मैं भारत में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के साथ जुड़ा रहा हूं. सभी का मानना ​​है कि हमारे रिश्ते काफी अहम हैं. अभी-अभी मेरे कार्यालय में मुंबई के एक बहुत बड़े बिजनेसमैन आए थे, जिन्होंने मुझे बताया कि मैं अमेरिका में निर्यात करता हूं और वर्तमान स्थिति को लेकर चिंतित हूं. उन्होंने कहा कि वे भारत सरकार के साथ हैं.”

भारत की बुनियाद मजबूत

गोयल ने यह भी बताया कि भारत की आर्थिक बुनियाद बेहद मजबूत है और यही वजह है कि देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है. उन्होंने कहा, “भारत में असीमित संभावनाएं हैं. हमारी अर्थव्यवस्था में मजबूती और लचीलापन है. दुनिया का हर निवेशक भारत को लेकर आशावान है.”

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