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डिंडोरी, दीपक ताम्रकार। मध्य प्रदेश के डिंडोरी में जिला परिवहन अधिकारी पर अवैध वसूली के आरोप लगे हैं। वाहन मालिकों ने RTO अधिकारी आरएस चिकवा के खिलाफ कलेक्टर से शिकायत की है। वहीं कलेक्टर ने अधिकारी को फटकार लगाते हुए मोटर मालिकों की लंबित फ़ाइल को पूर्ण करने में आदेश दिए हैं।
दरअसल, बुधवार की शाम कलेक्टर विकास मिश्रा अचानक आरटीओ ऑफिस पहुंचे थे। इस दौरान आरटीओ अधिकारी दफ्तर से नदारद मिले। वहीं कलेक्टर को देखते ही कार्यालय से दलाल भी फरार हो गए। वहां खड़े मोटर मालिकों से जब कलेक्टर ने बात की तो पता चला कि आरटीओ अधिकारी बिना रिश्वत लिए फ़ाइल पर हस्ताक्षर ही नहीं करते हैं। शिकायत पर कलेक्टर ने फोन लगाकर आरटीओ अधिकारी को न सिर्फ फटकार लगाई बल्कि तुरंत कार्यालय पहुंचकर लंबित फाइलों को पूर्ण करने में आदेश दिए।
मोटर मालिकों ने बताया कि बस की परमिट से लेकर एनओसी के लिए 15 हजार से लेकर 25 हजार रुपए की चढ़ोत्तरी देनी पड़ती है। इसके लिए आरटीओ कार्यालय में दलाल लगे हुए हैं। अवैध वसूली के लिए आलू कोड वर्ड है। यही नहीं मोटर मालिकों का यह भी आरोप है कि बड़े बस मालिकों के दबाव में छोटे बस मालिकों को न तो परमिट मिलती है और न ही सड़कों पर बसें दौड़ने की अनुमति। फोन पर ही आपत्ति दर्ज करवा कर छोटे मोटर मालिको को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जाता है।
वही जिला परिवहन अधिकारी आर एस चिकवा ने खुद पर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए कहा है कि कलेक्टर डिंडोरी का उन्हें फोन आया था जो भी समस्या मोटर मालिकों की है। उसे दूर करने के निर्देश दिये हैं। हालांकि मीडिया को अपना पक्ष देने के दौरान आरटीओ अधिकारी साहब की जुबान जरूर लड़खड़ाने लगी थी और बातों की बातों में साहब ने माना कि दलालों के कारण उन पर आरोप लग रहे हैं, लेकिन दलालों की क्या मजाल साहब की बगैर आपकी रजामंदी के वे जरूरत से ज्यादा रकम मोटर मालिकों से ले ले।
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ये दलाली और रिश्वतखोरी का खेल जो सालों से डिंडोरी में चल रहा है उसकी आंच जरूर भोपाल में बैठे सीएम शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचेगी। क्योंकि डिंडोरी कलेक्टर की जितनी तारीफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर चुके हैं इससे यही लगता है कि आदिवासी जिला में भ्रष्ट अधिकारियों की ज्यादा दिन अवैध कमाई नहीं चल पाएंगी।
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