पुष्पेंद्र सिंह, दंतेवाड़ा. माओवाद की राजधानी कहे जाने वाले अबूझमाड़ को भेदने की तैयारी पुलिस अधिकारी कर रहे हैं. बारसूर का इंद्रावती नदी पार का इलाका दक्षिणी अबूझमाड़ कहा जाता है. यह इलाका माओवादी कमांडर मल्लेश का है. इस कमांडर पर कई जघन्य अपराध बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के थानों में दर्ज है. इस इलाके में दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इंद्रावती नदी पर पुल बनने के बाद चुनाव शांति पूर्वक और माओवाद की कमर तोड़ने की मंशा भी देखी जा रही है. स्वतंत्रता दिवस पर माओवादी कोई अड़चन ना करें, इसलिए पुलिस फोर्स की गतिविधियों को तेज किया जा रहा है.

दरअसल, दशकों से लाल आतंक के साए में रह रहे ग्रामीण लोकतंत्र के पर्व का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं. आने वाले विधान सभा के चुनाव को तैयारियों को लेकर अधिकारियों का यह भ्रमण ग्रामीणों में उत्साह और जवानों के लिए हौसला अफजाई करना है. डीआईजी कमलोचन कश्यप और एसपी गौरव राय ने इंद्रावती नदी पार के गांव का दौरा कर चेरापाल,तुमरीगुंडा, छोटे करका, पहुरनार और हंडावड़ा के ग्रामीणों से मिले. जहां उनकी समस्याओं को सुना और हाला जाना.

बता दें कि, डीआईजी कमलोचन कश्यप बतौर एसपी दक्षिण बस्तर के जिलों में बहुत समय रहे हैं. यहां वे माओवाद की नब्ज को बहुत अच्छे से जानते हैं. कई मुठभेड़ों में तो माओवादियों से खुद सामना किया है. चुनाव के साथ स्वतंत्र दिवस को लेकर भी अधिकारियों ने जवानों से मुलाकात की है. लाल आतंकियों की किसी भी कारस्तानी को विफल करने साफ तौर पर निर्देशित किया है.

डीआईजी और एसपी पहुंचे साप्ताहिक बाजार

पुलिस अधिकारियों ने नक्सली गतिविधियों, ग्रामीणों की समास्याओं के संबंध में जानकारी लेने व अंदरूनी क्षेत्र में स्थापित कैंपों और थानों का आकस्मिक निरीक्षण और जवानों की समस्याओं के साथ हौसला अफजाई किया. नक्सल क्षेत्र के कैम्पों एवं थानों को नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया. भ्रमण के दौरान नक्सली गतिविधियों के बारे में जानकारी ली गई. इस दौरान जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने बीच पाकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिला. ग्रामीणों ने अधिकारियों से खुलकर संवाद किया. इसी दौरान चेरपाल के साप्ताहिक बाजार में भी जनता के बीच जाकर बाजार की व्यवस्था और बाजार में आए अंदरूनी इलाकों के ग्रामीणों और दुकानदारों से बातचीत और समस्या के बारे में जानकारी ली.

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