आज के तेज रफ्तार जिंदगी में जहाँ लोग समय और दूरी की बाधाओं से जूझ रहे हैं, वहीं आस्था ने टेक्नोलॉजी का हाथ थाम लिया है. अब पूजा-पाठ केवल मंदिरों तक सीमित नहीं, बल्कि मोबाइल ऐप, वर्चुअल रियलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए घर-घर पहुंच रही है. डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भगवान के लाइव दर्शन, ऑनलाइन हवन, और 3D मंदिर भ्रमण जैसी सुविधाएं समाज को आस्था से जोड़े रखने का नया माध्यम बन रही हैं. यह बदलाव सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि बदलते समाज की जरूरत और श्रद्धा की नई परिभाषा भी है. मंदिरों में वाई-फाई और पूजा में QR कोड आ जाएं, तो समझिए धर्म का डिजिटल युग शुरू हो चुका है.

ऑनलाइन पूजा का नया दौर

अब भक्त घर बैठे करवा रहे हैं हवन, श्रावण सोमवार की विशेष पूजा हो या जन्माष्टमी का झूला वह भी सिर्फ एक क्लिक में.

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24 घंटे लाइव दर्शन

काशी विश्वनाथ मंदिर अब ऐप और वेबसाइट पर 24 घंटे लाइव दर्शन की सुविधा देता है. वहीं श्री बालाजी तिरुपति मंदिर भी मोबाइल ऐप पर लाइव आरती और ऑनलाइन दर्शन कराता है. वो भी बिना लाइन लगाए.

AI पंडित, चैटबॉट कथा

अब AI से चल रहे वर्चुअल पंडित आपके प्रश्नों के उत्तर भी दे रहे हैं और पूजा विधि भी समझा रहे हैं. कुछ ऐप्स तो आपकी जन्म तारीख से विशेष मंत्र भी सजेस्ट कर रहे हैं. VR मंदिर दर्शन से भक्त अब बद्रीनाथ, अयोध्या और द्वारका के अंदर घूम सकते हैं. बस चश्मा लगाइए और मंदिर परिसर में वर्चुअली टहल आइए.

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डिजिटल पूजा में मिलने वाली मुख्य सुविधाएँ

जन्मदिन, वर्षगाँठ, ग्रह शांति, श्रावण, नवरात्रि आदि के लिए ब्राह्मणों द्वारा वीडियो कॉल या लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से हवन/पूजा. आयोजकों द्वारा हवन सामग्री, फूल, प्रसाद आदि की pre-packed kits घर भेजी जाती हैं. पूजा पूर्ण होने के बाद डाक या कोरियर से प्रसाद भेजा जाता है. ईमेल या PDF में पूजा प्रमाणपत्र और पंडितों के आशीर्वचन तक भेजे जा रहे हैं.