पटना। यूनिवर्सिटी की रिटायर्ड महिला प्रोफेसर ज्योति वर्मा (78) से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 3.7 करोड़ रुपए की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया था। करीब एक साल बाद इस केस में पहली गिरफ्तारी हुई है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने जिस युवक को पकड़ा है उसकी पहचान शुभम राय (निवासी–स्रेऱामपुर, हुगली) के रूप में हुई है। पूछताछ में उसने पटना वाली ठगी की वारदात में शामिल होने की बात स्वीकार की जिसके बाद जानकारी पटना साइबर पुलिस को दी गई।
200 से अधिक म्यूल अकाउंट्स में गया पैसा
जांच में खुलासा हुआ है कि ठगों ने महिला प्रोफेसर से लिया गया पैसा 200 से ज्यादा बैंक खातों में ट्रांसफर किया। इनमें अधिकतर खाते उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दक्षिण भारत और बेंगलुरु से जुड़े म्यूल अकाउंट्स हैं। कुछ रकम खर्च भी कर दी गई है। अब पटना साइबर थाने की टीम आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी और पुलिस की एक टीम जल्द बंगाल रवाना होगी।
कैसे किया गया डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड
यह मामला नवंबर 2024 का है। ठगों ने खुद को बैंक एवं क्राइम ब्रांच अधिकारी बताकर कहा कि महिला के नाम से जारी क्रेडिट कार्ड से 1.15 लाख रुपए मनी लॉन्ड्रिंग में गए है। इसके बाद फर्जी अधिकारी ने मोबाइल पर अरेस्ट वारंट भेजा और 48 घंटे तक महिला को वीडियो कॉल पर रखा। जांच के नाम पर उसने महिला से कहा कि अपने सभी पैसे दिए गए खाते में ट्रांसफर करें। भरोसा कर प्रोफेसर ने एफडी तोड़कर 3 करोड़ रुपए भेज दिए। बाद में 7.5 लाख और मांगे गए तो बेटे को शक हुआ तब जाकर मामला पुलिस तक पहुंचा।
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