Digital India Bill Kya Hai in Hindi: आज-कल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है. एआई एजुकेशन, मेडिकल समेत लगभग हर फील्ड में काफी हेल्पफुल साबित हो रहा है. लेकिन एआई के जरिए डीपफेक जैसी परेशानियां भी सामने आई हैं. डीपफेक टेक्नोलॉजी इतनी पावरफुल है कि इसके जरिए वीडियो और ऑडियो में बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे रियल और फेक के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है.
यही कारण है कि अब देश की मोदी सरकार ने डीपफेक को रोकने के लिए एक फैसला लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार डीपफेक रोकने के लिए एक बिल लाने वाली है. साथ ही इस बिल के जरिए एआई के इस्तेमाल को और भी बेहतर करने पर भी फोकस किया जाएगा. (Digital India Bill Kya Hai in Hindi)
कैसे पहचाने रियल है या डीपफेक ?
डीप फेक में हमेशा चेहरे के एक्स्परेशंस बदलते रहते हैं. गालों और माथे पर ध्यान दें. स्किन बहुत चिकनी या बहुत झुर्रीदार दिखाई देगी. आंखों और भौहों पर ध्यान दें. नोट करें कि बॉडी की शैडो सही जगह पर पड़ रही हैं या नहीं. होठों की हरकत पर ध्यान दें. चेहरे के मस्सों या तिल पर ध्यान दें. पलक झपकने पर ध्यान दें, क्या व्यक्ति पर्याप्त या बहुत अधिक पलकें झपकाता है. चेहरे के हेयर असली दिखते हैं या नहीं. किसी पुरुष के वीडियो में कई बार चेहरे के किनारों पर चमक होती है जिसे साइडबर्न कहते हैं. चश्में पर ध्यान दें.
ऐसे होंगे नियम ? (Digital India Bill Kya Hai in Hindi)
डीप फेक कंटेंट मिलते ही कोई भी एफआईआर करा सकता है. विक्टिम और उसकी तरफ से नियुक्त व्यक्ति को भी केस दर्ज कराने के अधिकार होंगे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूजर्स से यह शपथ लेगा कि वह डीपफेक कंटेंट नहीं डालेगा. प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स को इस संबंध में अलर्ट मैसेज देंगे. सहमति के बाद ही यूजर अकाउंट एक्सेस कर सकेगा.
डीप फेक कंटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा. जिस यूजर ने कंटेंट अपलोड किया है, उसका अकाउंट बंद कर सूचना दूसरे प्लेटफार्म का देनी होगी, ताकि आरोपी वहां अकाउंट न बना सके.
क्या है इस बिल में?
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिल में एआई टेक्नोलॉजी के बेहतर उपयोग और तरीकों पर चर्चा होगी. इस बिल में सोशल मीडिया पर जारी होने वाले वीडियो को रेगुलेट करने का भी प्रावधान हो सकता है. 26 जून से शुरू हो रहे 18 वी लोकसभा के पहले सत्र में डिजिटल इंडिया बिल पर भी लंबी बहस हो सकती है.
डीपफेक होता क्या है?
डीपफेक शब्द पहली बार 2017 में यूज किया गया था. किसी रियल वीडियो, फोटो या ऑडियो में दूसरे के चेहरे, आवाज और एक्सप्रेशन को फिट कर देने को डीपफेक नाम दिया गया है. इसमें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जाता है. इसमें वीडियो और ऑडियो को टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया जाता है.